खुशियों की सरगम

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


दिल अनुराग जागृत करके बज उठती खुशियों की सरगम,

मिट जाए किंचित मन का ग़म मिल जाए गर कोई हमदम


सप्तम स्वर के साज सज गये अलबेले अलबेले अनुपम

राम  अवध  में  वापस  आए  फूल  सजे  रंगीले सतरंग 

मंद सुगंध महक उठ रही चारों दिशा हर कोना कण कण 

दिल अनुराग जागृत करके बज उठती खुशियों की सरगम,


स्वर कोकिल हर कंठ में गूंजे गीत संगीत सुरीली सरगम 

रस छंद अलंकारों की माला सजे शब्द सजीले हरपन

नाच रहे हैं  सब  नर नारी  नूपुर पग में बजते  छम-छम

दिल अनुराग जागृत करके बज उठती खुशियों की सरगम,


संत जनों के तप से धरती हो  जाती  है  पावन पावन

अगणित संघर्ष सहे  कष्ट  राम जी  मार गिराए रावन

जलते दीपों की अवली है जगमग अवध नगरिया चमचम

दिल अनुराग जागृत करके बज उठती खुशियों की सरगम,


डॉ0 अलका गुप्ता 'प्रियदर्शिनी'

लखनऊ उत्तर प्रदेश।