थाईलैंड और कंबोडिया से गोवर्धन लौटे जगद्गुरु अधोक्षजानंद, अखण्ड भारत के देशों में तेजी से फैल रही भारतीय सांस्कृतिक चेतना : अधोक्षजानंद

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

मथुरा। 12 ज्योतिर्लिंगों एवं 52 शक्तिपीठों की यात्रा के अंतर्गत अखण्ड भारत के भ्रमण पर निकले गोवर्धन पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ थाईलैंड और कंबोडिया की या़त्रा सम्पन्न कर आज गोवर्धन स्थित शंकराचार्य आश्रम पहुंचे।जगद्गुरु अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने बताया कि थाईलैंड और कंबोडिया सहित अखण्ड भारत के 18 देशों में भारतीय सांस्कृतिक चेतना बड़ी तेजी से फैल रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत सरकार की मौजूदा नीतियों के चलते अखण्ड भारत के सभी देश राजनीतिक एकीकरण की दिशा में भी शीघ्र ही उन्मुख होंगे।

अखण्ड भारत यात्रा के क्रम में थाईलैंड पहुंचने पर बैंकाक के सुवर्ण भूमि हवाई अड्डे पर भारतवंसियों ने  शंकराचार्य का जोरदार स्वागत किया। शंकराचार्य देवतीर्थ महाराज थाईलैंड में बैंकाक स्थित संघ के मुख्यालय भी गये। वहां  थाईलैंड के प्रचारक प्रमुख समेत क्षेत्र में सेवारत स्वयंसेवकों ने माल्यार्पण कर शंकराचार्य का  स्वागत किया। जगद्गुरु ने भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित किया। 

और भारत माता का जयघोष हुआ।इसके बाद थाईलैंड में नुनचौक स्थित शिवमंदिर में शंकराचार्य के सानिध्य में यज्ञ हुआ। वहां जगद्गुरु ने सूर्य एवं शनि मंदिर का शिलान्यास किया। बैंकाक के गीता आश्रम में गीता जयंती समारोह शंकराचार्य के सानिध्य में मनाया गया।

शंकराचार्य कंबोडिया गये और वहां दुनिया के सबसे बडे क्षेत्रफल में बने अंकोरवाट स्थित भगवान विष्णु के मंदिर में दर्शन व पूजन किया। यह मंदिर ऐतिहासिक विश्वधरोहर एवं आठवा अज़ूबा है। कंबोडिया के सहस्रलिंगा नदी में जगद्गुरु देवतीर्थ ने महारुद्राभिषेक किया।  

शंकराचार्य ने यात्रा को सकुशल सम्पन्नता के लिये भारत सहित थाईलैंड, कम्बोडिया की सरकारों हिन्दू स्वयंसेवक के पदाधिकारियों एवं समस्त स्थानीय सनातनी भक्तों को धन्यवाद एवं आशीर्वाद दिया है। शंकराचार्य अधोक्षजानंद देव तीर्थ देश के विभिन्न राज्यों समेत श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश और नेपाल की यात्रा पूर्व में कर चुके हैं।शीघ्र ही वह अखण्ड भारत के अन्य देशों की भी यात्रा करेंगे।