लोकतंत्र में ऐसे बयान घातक है ।

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

सनातन संस्कृति हिन्दू धर्म और अब फिर हिन्दी भाषा पर प्रहार तेज हो रहे हैं,आज कल  आगमी लोकसभा चुनाव की तैयारी में अपने वोट बैंक के लिए कुछ भी अनाप-शनाप अमार्यादित बोलवचन का दौर बढ़ता जा रहा है । कुछ राजनेताओं का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है, हिन्दु धर्म पर विवादित बयान में धोखा बता रहे और हम अनुयाई चुप है । हम लोग एकजुट नहीं हुए तभी कुछ लोग इसका फायदा उठा रहे हैं,हाल ही में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिन्दू धर्म को धोखा बताया। 

आप सभी को सोचना होगा कि समाज धर्म व राष्ट्र की बागडोर से ही भारत का लोकतंत्र जीवित हैं फिर इतने बड़े राजनेता व बुद्धिजीवी व्यक्ति के इस प्रकार के बयान क्या दर्शाता है? यह पहली बार नहीं कई बार इसी प्रकार के विवादित बयान उन्होंने दिये और समाजवादी पार्टी ने उन बयानों से किनारा करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य की निजी राय बता दिया,मान लिया वह उनकी अपनी अभिव्यक्ति है पर ऐसी आजादी किस काम की जो अपने ही धर्म समाज राष्ट्र में भेदभाव व जोड़-तोड़ करने व वर्ग विशेष के लिए अपनी राजनीति चलने हेतु बयान वीर बन कर नफरत के बीज बोने से किसका भला हुआ जो आप का होगा।

 इस तरह हमारी बिखरी हुई एकता पर प्रहार होते रहेंगे और हम हिन्दू शांति दुत बनकर चुप रहेंगे। आखिर कब तक हम बिखरे हुए मोती के समान रहेंगे जब तक हम माला बनकर शक्ति नहीं बनेंगे तब तक इसी तरह का विरोधाभास देखने को मिलता रहेगा , हिन्दु धर्म का बिखरा हुआ ताना-बाना ही इस प्रकार की अभिव्यक्ति का हौंसला बढा रही है। एक चिंतन का विषय है धर्म के नाम पर बांटने का खेल इस आधुनिक युग में क्या दर्शाता है अपनी राजनीति के लिए इस तरह बयान देना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है,जब भारत चांद व सूरज पर पहुंच गए उसी राष्ट्र में जात-पात पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण का जहर क्यों खोला जा रहा है।एक राज्य से दूसरे राज्य के लोगों के लिए नफरत? 

अपनी भाषा को श्रेष्ठ बताने की होड़ में हमारे देश की राष्ट्र भाषा हिंदी की अवमानना क्या ठीक है? पर दक्षिण के कुछ नादान राजनेता जो वरिष्ठता के क्रम में बुद्धिजीवी वर्ग में है वह उत्तर भारतीयों को यूपी बिहार के लोगों को अपने प्रदेश में नीचा दिखाने की बात करते हैं। डी एम के सांसद व पूर्व मंत्री जब ऐसी बात करेंगे कि वह के लोग हमारे प्रदेश में शौचालय साफ करते हैं तो सोचिए राजनीति का स्तर कहा जा रहा है। भारत  में एकजुटता व भाईचारे का आपस में सौहार्द सदैव बना हुआ है और रहेगा ।  

पर कुछ ऐसे राजनेता हैं  जो इस एकता को धर्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम करते हैं वह भी सिर्फ राजनीतिक के शिखर को छूने के लिए तभी तो तमिलनाडु के युवा राजनेता सनातन धर्म पर अपना अल्पज्ञान का बखान कर चुके हैं। हिन्दू धर्म हो या समाज जब तक वह पंथ संप्रदाय वर्गों में बांटा रहेगा तब तक इन नफरत पूर्ण बातों का विरोध नहीं करेगा तब तक ऐसे राजनेता अपनी बाणी के बाणों से प्रहार करते रहेंगे  धर्म समाज भाषा व राष्ट्र पर विवादित बयान भारत की एकता व अखंडता व संप्रभुत्ता के लिए घातक साबित होंगे। इसलिए हमें एकजुट होकर साथ मिलकर सनातन संस्कृति राष्ट्र भाषा हिंदी और अपने हिन्दू धर्म की आस्था समन्वय विश्वास को खण्डित नहीं होने देना चाहिये। 

किसी भी तरह के गलत नाकारात्मक सोच वाले सभी लोगों को मूहतोड जबाब देना चाहिए, यह समय की आवश्यकता भी है ओर जरूरत,क्योंकि भारत आज विश्व की महाशक्ति बनने जा रहा है विश्व गुरु से विश्व महाशक्ति का सफर आसानी से नहीं मिला विश्व के साथ मिलकर आगे बढ़ रहा भारत अपने अंदर के इस वातावरण को ठीक नहीं कर पायेगा तो इसका संदेश गलत पहुंचेगा ।इस लिए हम सभी को भाईचारे के बीच राष्ट्रीय मार्यदा व मान सम्मान का ध्यान रखना होगा। 

सकारात्मक प्रयास से हम सभी साथ मिलजुल कर प्रेम से  एकसुत्र में बंधे रहे,क्योंकि अनेकता में एकता से भारत प्रबल बना हुआ है राष्ट्र के मनोबल को कमजोर करने वाले राजनेता को  लोकतांत्रिक व्यवस्था के चलते  ऐसे  विवादित बयान नहीं देना चाहिए । 

प्रेषक लेखक - हरिहर सिंह चौहान 

जबरी बाग नसिया इन्दौर मध्यप्रदेश 452001

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