Chhath Puja 2023: जाने नहाय खाय के दिन क्या करें, क्या न करें

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

Chhath Puja 2023: सनातन धर्म में सूर्य उपासना का विशेष महत्व है। ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव की उपासना करने से शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही कुंडली में सूर्य मजबूत होता है। कुंडली में सूर्य मजबूत होने से करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। कालांतर से सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। सूर्य उपासना हेतु बिहार में वैदिक काल से लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा मनाई जाती है। यह पर्व सूर्य देव को समर्पित होता है। इसमें सूर्य देव की उपासना की जाती है। चार दिवसीय पर्व की शुरुआत नहाय खाय के दिन से होती है।

पंचांग के अनुसार, इस वर्ष चार दिवसीय छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर से होगी। इस दिन व्रती स्नान-ध्यान कर सूर्य उपासना करती हैं। वहीं, सूर्य देव की पूजा के बाद भोजन ग्रहण करती हैं। इसमें चावल, दाल और लौकी की सब्जी खाई जाती है। नहाय खाय के दिन पूजा करने से व्रती के सुख और  सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। शास्त्रों में नहाय खाय के दिन कई चीजें न करने की सलाह दी गई है। अनदेखी करने से व्रत का पुण्य फल प्राप्त नहीं होता है। आइए, नहाय खाय के दिन का व्रत नियम जानते हैं-

क्या करें

नहाय खाय के दिन पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करें। अगर सुविधा नहीं है , तो गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इस समय आचमन कर अपने आप को शुद्ध करें।

नहाय खाय के दिन नवीन वस्त्र धारण करें। व्रती लाल, मैरून या पीले रंग की साड़ी पहन सकती हैं।

नहाय खाय के दिन व्रती अपने बालों को अवश्य धोएं। इसके लिए व्रती शैंपू या मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल कर सकती हैं।

नहाय खाय के दिन एक बार ही भोजन ग्रहण किया जाता है। अतः एक बार ही भोजन ग्रहण करें। चाय या कॉफी भी सीमित मात्रा में लें।

व्रती नहाय खाय के दिन शुद्ध चूल्हे पर ही भोजन पकाएं। मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकाना उत्तम होता है। भोजन में चावल, मूंग या चना दाल और लौकी की सब्जी खाना चाहिए।  

क्या न करें

नहाय खाय के दिन झूठ न बोलें और न ही किसी के प्रति द्वेष भावना रखें। ऐसा करने से व्रत का पुण्य फल प्राप्त नहीं होता है।

इस दिन तामसिक भोजन ग्रहण न करें। पूरी-पकवान या तली-भुनी हुईं चीजें बिल्कुल न खाएं।

सात्विक भोजन ग्रहण करें। साथ ही सात्विक विचारधारा मन में रखें।

व्रती नहाय खाय के दिन काले रंग की साड़ी धारण न करें। मांगलिक और शुभ कार्य में काले रंग की साड़ी नहीं पहननी चाहिए।