युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
- असैनापुर में संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा के समापन पर उमड़े श्रद्धालु
लालगंज प्रतापगढ़। क्षेत्र के असैनापुर गांव में हो रही संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा के गुरूवार को समापन में श्रद्धालुओं ने व्यासपीठ का पूजन अर्चन कर द्वारिकाधीश के श्री चरणों में बैठकर लोक कल्याण की आराधना की। कथा व्यास पं. शेषधर मिश्र अनुरागी जी महराज ने रूकमणि व भगवान श्रीकृष्ण के विवाह का मनमोहक चित्रण प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को लोक मर्यादा के पथ पर बढ़ने का मार्गदर्शन किया।
अनुरागी जी महराज ने कहा कि भगवान की कथा के श्रवण मात्र से ही मनुष्य के मन के भीतर के समस्त विकार स्वतः मिट जाया करते हैं। उन्होने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म तथा लोकनीति की मजबूती के लिए हमे वह मार्ग दिखलाया है जिस पर निरंतरता के तहत समाज में अनीति के दुष्प्रभाव को रोका जा सकता है। आचार्य पं. शेषधर मिश्र ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने लोक मर्यादा के साथ नैतिक जीवन के आदर्शों के पालन के लिए अपने लीलावतार का शास्वत संदेश प्रदान कर रखा है।
कथा के संयोजक समाजसेवी पं. राजकुमार शुक्ल व सुषमा शुक्ला ने व्यासपीठ का सामूहिक पूजन अर्चन किया। कथा के दौरान श्री रूकमणि व द्वारिकाधीश के परिणय को लेकर हुए मंचन में भावविभोर महिला श्रद्धालुओं ने भावनृत्य से भगवान की आराधना की। वहीं श्रद्धालुओं ने व्यास पीठ पर पुष्पार्जन कर विवाहोत्सव की खुशियों को साझा किया। संगीतमयी कथा में भगवान के सुमधुर भजनों पर भी बड़ी संख्या में जुटे श्रद्धालु मगन दिखे। सहसंयोजक अरूण शुक्ल व अधिवक्ता अनिल शुक्ल तथा कृष्णकुमार शुक्ल ने अतिथियों का पीतपट्टिका प्रदान कर रोली अभिषेक किया।
सह संयोजक शिक्षक मनोज शुक्ल तथा अरविंद पांडेय ने स्वागत एवं डॉ. मनीष शुक्ल ने सात दिवसीय कथा की सफलता के लिए श्रद्धालुओं के प्रति आभार जताया। समापन के अवसर पर छोटी काशी राजातारा के धर्माचार्य आचार्य धीरेन्द्रपाल शास्त्री का सारस्वत सम्मान किया गया। इस मौके पर समाजसेवी पं. सुधीर मिश्र, आचार्य राजेश मिश्र, पूर्व प्रधान संतोष सिंह, राणा सूबेदार सिंह चौहान, प्रधानाचार्य एसएन त्रिपाठी, वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञानप्रकाश शुक्ल, संजय द्विवेदी, श्रीपाल सिंह, दिनेश सिंह, संतोष पांडेय, शिवनारायण शुक्ल आदि रहे।