आवंटन के विरोध में उतरे दर्जनों ग्राम प्रधान व ग्रामीण

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

मार्टिंगज/ आजमगढ़ : मार्टिनगंज तहसील परिसर में दर्जनों ग्राम प्रधानों व सैकड़ों ग्रामीणों ने पोखरों व तालाबों के आवंटन के विरोध में उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन वहीं ग्राम अषाढा प्रधान प्रतिनिध कमला ने बताया की हमारे गांव के गाटा संख्या 146 में अंकित पोखरा जिसे शासन के तरफ से अमृत सरोवर परियोजना सत्र 2021/22 में चयनित किया गया है जिसपर सीढ़ी,रास्ते ,टेबल व अन्य कार्यों में सरकार के लाखों रुपयों का खर्च हो चुका है।

 जिस पोखरे को गत दिवस पूर्व तहसील  प्रबंधन द्वारा मत्स्य पालन हेतु आवंटन कर दिया गया जो गलत है वहीं ग्राम सभा इशहाकपुर के सैकड़ों ग्रामीणों ने भी गाटा संख्या 371 में अंकित सार्वजनिक पोखरे के पट्टे को लेकर तहसील प्रबंधन को घेरा और उपजिलाधिकारी को प्राथना पत्र देते हुए कहा की ग्राम सभा अषाढा में गाटा संख्या 371 में स्थित पोखरा जो आबादी के बीच में पड़ता है जिसे हम ग्रामीण सदियों से नहाने धोने,पशुओं को पानी पिलाने व खेत की सिंचाई आदि में प्रयोग करते हैं । 

जिसका  मत्स्य पालन का पट्टा निरस्त किया जाय ।तो वहीं ग्राम अषाढा के पंचायत सदस्य मोहमद कामिल व मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा की हमारे गांव अषाढा में स्थित गाटा संख्या 137 में दर्ज पोखरा जो हमारे कब्रिस्तान के बगल में पडता हैं जहां हम लोगों का दाह संस्कार होता है जिसे हम सभी ग्रामीण अपने आवश्यकता अनुसार प्रयोग में लेते है इसलिए उक्त पोखरे का मत्स्य पालन हेतु आवंटन गलत हैं उक्त पोखरे का पट्टा निरस्त होना चाहिए । हालांकि तहसील मार्टिनगंज एसडीएम नंदिनी शाह ने उपरोक्त लोगों की प्राथना पत्र लेते हुए आश्वाशन दिया की उक्त पोखरा  आवंटन प्रकरण की जांच कर अवस्यक कार्यवाही हेतु तहसीलदार को निर्देशित किया। 

हालांकि जब पत्रकार बृजेश सिंह ने  उपजिलाधिकारी से वार्ता के दौरान अमृत सरोवर परियोजना में चयनित पोखरों व तालाबों के आवंटन प्रकरण पर जानकारी ली तो मार्टिनगंज उपजिलाधिकारी नंदिनी शाह ने कहा की जिलाधिकारी महोदय का निर्देश  है की एसे किसी पोखरे का आवंटन नहीं किया जाय जो अमृत सरोवर में पहले से चयनित है यदि अगर किसी ग्राम सभा में अमृत सरोवर के तहत चयनित पोखरे व तलाब का आवंटन हुआ होगा तो उस आवंटन को तत्काल निरस्त कर दिया जाएगा।

बताते चलें की गत माह पूर्व आजमगढ़

जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज के निर्देश पर जनपद के सभी तहसील क्षेत्रों में खाली पड़े पोखरों व तालाबों का मत्स्य पालन हेतु आवंटन दिनांक वार चला। इसी क्रम में मार्टिनगंज तहसील में उपजिलाधिकारी के निर्देश पर लेखपालो से पोखरों की सूची मांगी गई  और परिसर में नोटिस चस्पा करते हुए अलग अलग दिनांक वार आनन फानन में पोखरों का आवंटन कार्य शुरू दिया गया जिसके बाद से लगातार अन्य अन्य गांवों के ग्रामीणों व प्रधानों द्वारा पोखरे व तालाबों के मत्स्य पालन हेतु पट्टा करने का विरोध किया।अभी गत दिवस पहले स्थानीय तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा धंगवाल,सिकरौर सहबरी, नोनारी  व अन्य गांवों के ग्रामीणों ने पोखरी पट्टे के निरस्त करने हेतु उपजिलाधिकारी व तहसीलदार को पत्रक दिया था।

अब ध्यान देने योग्य बात यह है की गांवों को सुंदरता से सजाने व ग्रामीणों के जीवन को सुगमता से पूर्ण करने हेतु एक तरफ जिन तालाबों व पोखरों पर प्रदेश सरकार विकाश खंडों के माध्यम से करोड़ों रुपए खर्च कर एक सुंदर रूप देने का प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ तहसील प्रशासन उन्हीं पोखरों तालाबों को मत्स्य पालन हेतु आवंटन कर गंदगी व दुर्गंधता से पूर्ण कर मच्छरगट्टा बनाकर एक निजी हाथों में सौपना चाहती हैं।अब देखना यह है की उत्तर प्रदेश के सभी तहसीलों व जनपदों से लगातार ऐसी शिकायतें आ रही है जिसपर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ का क्या रुख होता है।