करवाचौथ

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


लगाई है मेहंदी मैंने तेरे नाम की आज 

निकल आया करवाचौथ का चाँद आज 

लगे मेरी उम्र भी तुझे यही आरज़ू मेरी

किया तेरे लिए मैंने साज शृंगार आज। 


अपने चाँद के खातिर सजूंगी आज

कलाई में कंगना, माथे पर सिंदूर लगाऊँगी आज

निर्जला रहकर हर जन्म तुझको ही पाऊँ

यही अपने चाँद से वरदान मागुंगी मैं आज। 


सुमंगला सुमन

मुम्बई, महाराष्ट्र