मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल के लिए आ रहे हैं घूमने तो इन जगहों को देखना न करें मिस

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

पूर्वोत्तर भारत की हर एक जगह अपनी एक अलग खूबी लिए हुए है। सिक्किम हो या अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, असम हो या फिर मेघालय...यहां के शानदार नजारों को देखकर ऐसा लगता है जैसे- आप किसी खूबसूरत पेटिंग को निहार रहे हैं। हर एक राज्य को घूमने के लिए आपको कम से कम 7 से 10 चाहिए। कल यानी 17 नवंबर से मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल शुरू हो रहा है। जो 19 नवंबर तक चलेगा। इस फेस्टिवल में कई तरह के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है, तो पर्यटकों के अलावा देश और दुनिया के कलाकार भी इसमें हिस्सा लेने वाले हैं। 

शिलॉन्ग, मेघालय राज्य की राजधानी है, तो अगर आप यहां फेस्टिवल में आ ही रहे हैं, तो क्यों न मेघालय को भी साथ ही साथ एक्सप्लोर कर लें। जहां हर थोड़ी दूर पर मौसम तो बदलता ही है साथ ही साथ नजारे भी। यहां ऐसी कई सारी चीज़ें हैं, जिसका एक्सपीरियंस आपको शायद ही कहीं और मिलेगा, तो इसे बिल्कुल भी मिस न करें। आइए जान लेते हैं इसके बारे में।

एशिया के सबसे साफ गांव को देखने का एक्सपीरियंस

मेघालय आकर आप एशिया का सबसे साफ-सुथरा गांव देख सकते हैं। साफ होने के साथ ही ये गांव बेहद खूबसूरत भी हैं। जिसका नाम है मॉलिननॉन्ग। ईस्ट खासी हिल्स में स्थित इस गांव में आपको कहीं भी कूड़े का ढेर नहीं मिलेगा न सड़कों पर और न ही घरों के आसपास। सबसे खास बात कि इस गांव में प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह से बैन है। बांस, लकड़ी, पेड़ों की पत्तों और ऐसी ही नेचुरल चीज़ों क का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। इस गांव में ट्रैकिंग के भी ऑप्शन्स हैं, साथ ही झरनें और लिविंग रूट ब्रिज भी देखा जा सकता है।

क्रिस्टल क्लीयर नदी में बोटिंग का एक्सपीरियंस

मेघालय का एक ऐसा एक्सपीरियंस जिसे आपको बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए मिस, वो है डाउकी नदी देखने का। जिसका पानी इतना साफ है कि नदी के नीचे तक का नजारा देखा जा सकता है। हां, मानसून के दौरान आपको ऐसा देखने को नहीं मिलेगा, लेकिन सर्दियों में यानी अभी आकर आपको बिल्कुल वही तस्वीर देखने को मिलेगी, जो आपको किताबों और फोटोज़ में देखी है। नदी में बोटिंग करते हुए आप इसकी खूबसूरती को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं। 

पेड़ों की जड़ों से बने पुल पर चलने का एक्सपीरियंस

मेघालय आकर आप 180 साल पुराना लिविंग रूट ब्रिज देख सकते हैं। घने जंगलों और नदी के बीच में बने इस पुल को देखने का एक्सपीरियंस वाकई अलग है, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए अच्छी-खासी ट्रैकिंग करनी पड़ती है, जो थोड़ा चैलेजिंग होता है। वैसे मेघालय में और भी कई सारे डबल रूट ब्रिज हैं, जहां तक पहुंचने का रास्ता आसान है। इस लिविगं रूट ब्रिज को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरीटेज साइट में भी शामिल किया है।