सब छूटने से पहले

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


आज फिर ऐसा लगा

मानो, बहुत कुछ बीतने के बाद भी

रहा 'अनबीता' ही 

कहीं कुछ तो,,,

क्या बीतनें दूं उसको,,यूं ही !!


चिर-परिचित नामों में..

छूट गया था कोई

'अपरिचित' सा,,,

बोलो, परिचय कर लूं क्या उस से !!


दूर तक फैले विस्तार में 

इतने सारे चेहरे,,

इतनी सारी द्रष्टि,,

पर, छूट गया कुछ 'अनदेखा',,,

बस, देख आऊं उसको एक बार

सब छूटने से पहले !!


नमिता गुप्ता "मनसी"

मेरठ, उत्तर प्रदेश