युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
देशी शिक्षा , गंगा धारा , मधुरिम चित रच गुण भर देती। '
अन्तः मेधा प्रेमी आस्था , समझ मनन शुभकर मत लेती।
बागों,पुष्पों,कार्यों में भी,ऋषि मुनि सँँग कवि हृद स्वर आते।
जागे प्राणी ऐसी विद्या, करतल रख कर सत पथ जाते।
मीरा भारती,
पटना, बिहार।