शिक्षक दिवस : मेरे पापा

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


उसूलों की मजबूत दीवार थे मेरे पापा,

भावनाओ की कोमल किताब थे मेरे पापा,

ज्ञान का अमूल्य भंडार थे मेरे पापा,

हम सब की उम्मीद और आस थे मेरे पापा !!!! 


हमारी हिम्मत और विश्वास थे मेरे पापा,

बचपन मे खिलौनों की खुशी थे मेरे पापा,

हमारे हर प्रश्न के उत्तर थे मेरे पापा,

सपनो को पूरा करने में महारथी थे पापा!!!!


घर की बुलंद आवाज थे मेरे पापा,

माँ और बच्चो के आधार थे मेरे पापा,

शिक्षक के रूप में ज्ञानी थे मेरे पापा,

कई विद्यार्थी के भाग्य आधार थे मेरे पापा !!!!


आज भी मेरे दिल मे ईश के रूप में,

विराजमान हैं मेरे पापा !!!!!


स्वरचित

भगवती सक्सेना गौड़

बैंगलोर