एक नजर इधर भी, तुझपे प्यार आया है, बेहद बेसुमार आया है --

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क  

 (गौरीशंकर पाण्डेय सरस)  

बात पर्दे के पीछे की।

जखनियां/गाजीपुर : धत्तेरी !ऐसी की तैसी, क्या जमाना आ गया है दोस्तों!एक दिन गवईं भाभी के चचेरे देवर ने  शाम के वक्त घर की बालकनी में भाभी जी को खिड़की के रास्ते देखकर 'भाभी तेरा देवर दीवाना'गाना सुरीली आवाज में गा क्या दिया। भाभी के सीने पर सांप लोट गया।वाकया तहसील क्षेत्र के  पूर्वी इलाके का है।विदेश गए पति की अनुपस्थिति में गवईं गोरी चिट्ठी भाभी नेअपने मुंहलग्गू देवर को अगले दिन अपने कक्ष में तलब कर मीठी मीठी बातों के माध्यम से अपना प्रेमजाल बिछाते हुए देवर से अपने मन की बात कहने की स्वीकृति मांगी।

पर देवर को क्या पता की भाभी जी मर्यादा की पटरी से हटकर कुछ कहने वाली हैं। भाभी सीता और देवर लक्ष्मण जैसे को अपना आदर्श मानने वाला देवर कलियुग के प्रभाव में आकर स्वीकृति दे डाला।फिर क्या था भाभी का मन मचलकर अंदर खाने झूमकर गाने लगा यही कि 'जिसका मुझे था इंतज़ार मिलने को दिल था बेकरार ओ घड़ी आ गई आ गई, ---कुछ देर बाद सम्हलते हुए देवर पर नजर का तीर चलाते हुए कोड भाषा में फर्माया  'मुझको तुझपे प्यार आया है,बेहद और बेसुमार आया है, ---मौके का नजारा भांपते हुए देवर सकपकाने लगा।

इसी बीच किसी शुभचिंतक ने आवाज दी और  देवर  लंबी डग भरते हुए कमरे से बाहर निकल गया।शेरनी की तरह भूखी (40) वर्षीय भाभी जी ने (21) वर्षीय देवर को मोबाइल में कैद हरकत की धमकी देकर हवालात की हवा खिलाने की सोची परंतु सारी हरकत तो खुद की थी,देवर तो मूक दर्शक और बहरा श्रोता था।अंत में तरकश की तीर तरकश में ही रह गई। और बात पुलिस स्टेशन तक पहुंचने से पहले रुक गई।