चूँ - चूँ करती आती गौरैया
बच्चों को है लुभाती गौरैया।
सुंदर, प्यारी, न्यारी गौरैया
मन मेरे भी भाती गौरैया।
इधर-उधर घर की बगिया में
उड़ती नखरे लगाती गौरैया।
कीट पतंगों को खाकर,अपनी
भूख को शांत कराती गौरैया।
घर - आँगन में इधर - उधर
फुदकती आती-जाती गौरैया।
किवाड़,खिड़कियों में अपनी
सुंदर घोंसला बनाती गौरैया।
बड़े प्यार से गौरैया अपने
बच्चों को दाना चुगाती है।
दादी भी मेरी, गौरैया की
खूब अच्छी कहानी सुनाती है।
गौरैया चूँ-चूँ करती आती है
घर में रौनकता छा जाती है।
कलरव सुन बिटिया रानी,
मन ही मन मुस्काती है।
महेन्द्र साहू"खलारीवाला"
गुण्डरदेही बालोद छ ग
मो नं 9755466917