जब भी मुस्कुराने का दिल करें,
बीती बातों में खोने का दिल करें,
यादों के भवंर में डूबने का दिल करे,
तब तुम मेरे पास आना प्रिये।
जब दिल में सुना सुना सा लगे,
महफिल भी तन्हा तन्हा सा लगे,
सबकुछ पाकर भी अधूरा सा लगे,
तब तुम मेरे पास आना प्रिये।
आँखों के आगे अँधेरा छाने लगे,
परछाई से भी नफरत होने लगे,
राहें अनजान सी लगने लगे,
तब तुम मेरे पास आना प्रिये।
✍️ज्योति नव्या श्री
रामगढ़, झारखण्ड