रामराज सा राज हमारा,
आपस में हो भाईचारा।
आपस में हो प्रेम सभी में,
ऐसा हो यह जहान हमारा।
झूठ चोरी झगड़ा ना हो,
काम क्रोध का रगड़ा ना हो।
सम्मान सबको मिले यहांँ,
प्यारा हो यह जहान हमारा।
घर घर में हो खुशियां सबके
रोटी मिले भरपेट सबको
खुशहाल हो देश हमारा
प्यारा हो यह जहान हमारा।
शिक्षा का प्रचार यहांँ हो
अज्ञानता का नाश यहांँ हो
सुंदर लक्ष्य हो जीवन के
तिमिर नाश हो सबके मन के।
देश हमारा खुशहाल बड़ा,
अन्न धन हो भरपूर यहांँ।
कामकाज ना रुके किसी के,
प्यारा हो यह जहान हमारा।
आपस में अपनापन इतना,
दुनिया माने कहना इनका।
जात पात का भेद रहे ना,
ऐसा प्यारा जहान हमारा।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा