गीता के पथ

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

एक माँ धन्य है

महान व्यक्तित्व जन्म दिया

एक माँ धन्य है

महान चरित्र निर्मित किया

दोनों अलग बातें हैँ

जैसे दिन और रातें हैँ

जन्म से कौन महान है

जन्म लेता हर इंसान है

आत्म ज्ञान हुआ न जब

पशु निरा रहा है नर

चार पुत्र पाल सकी माता

हर पुत्र को माँ का फ़र्ज न भाता

मिलने आये हैँ जग में खुद से

जग से नहीं कर्म से नाता है

मेरा तेरा यह तेरा यह मेरा

यह सब सांसारिकता है

ऊँचे कुल जन्म क्या करेगा

जब गीता के पथ न चलेगा

अच्छा पथ राह देखे हमारी

दिशा भटक जाते हैँ हम ही

फ़र्ज निभा कर गर्व करें हम

फ़र्ज निभा कर संतुष्ट हो लें हम

कर्म हमारा है धर्म हमारा है

ईश्वर को परीक्षा हल कराना है

प्रकृति पूजें हम सब

जीवन सफल हमारा है

पूनम पाठक "बदायूँ "