रामपुरहाट : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में रामपुरहाट में टीएमसी नेता की हत्या के बाद मंगलवार को हिंसा भड़क गई है। गुस्साई भीड़ ने 10 से 12 घरों के दरवाजे बंद करके उनमें आग लगा दी। आग से 10 लोग जिंदा जलकर मर गए हैं। घटना के बाद फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई। इलाके में पनपत्ते भारी तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। खबरों की मानें तो रामपुरहाट में तृणमूल कांग्रेस के उपप्रधान की हत्या का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है। रामपुरहाट में भड़की हिंसा के मामले में जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी में सीआईडी एडीजी ग्यानवंत सिंह, एडीजी वेस्टर्न रेंज संजय सिंह और डीआईजी सीआईडी ऑपरेशन मीरज खालिद को शामिल किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दमकल विभाग को सोमवार रात आगजनी की सूचना मिली थी। दमकल अधिकारी ने बताया कि घटना कल रात की है,10-12 घर थे जो जल चुके हैं, कुल 10 लोगों की मृत्यु हुई है जिनकी बॉडी रिकवर की गई है। एक ही घर से 7 लोगों के शव निकाले गए हैं।
बता दें कि, सोमवार को बीरभूम के टीएमसी पंचायत नेता भादू शेख की हत्या कर दी गई थी। उन पर बम से हमला किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, वे स्टेट हाईवे 50 पर जा रहे थे। तभी अज्ञात लोगों ने उनपर बम फेंक दिया। इसके बाद उन्हें रामपुरहाट के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। भादु की मौत की खबर जैसे ही टीएमसी समर्थकों को मिली तो वह उग्र हो गए। इसके बाद उनके सपोर्टर्स ने हमला करने वाले संदिग्धों के घरों में आग लगा दी। लिस भी इसे फिलाहल राजनीतिक रंजिश का मामला बता रही है।