प्रशासन की खिल्ली उड़ा रहा खनन माफिया खिल्ली

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क  

- खदान संचालकों के रसूख के आगे बेबस नजर आ रहा प्रशासन

बांदा। पिछले सत्र का बालू लुटेरा गिल्ली इस बार फिर से मरौली बालू खण्ड छह की कमान संभाले हुये है। मरौली बालू खण्ड छह अवैध खनन के मामले में रोजाना नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इसके साथ ही गिल्ली का जादू मैनेजमेंट करवाने में अहम भूमिका निभाये है। इसके साथ ही मरौली खण्ड चार में बालू का अवैध खनन पोकलैण्ड मशीनों से धड़ल्ले से किया जा रहा है। इतना ही इस अवैध खनन और ओवरलोडिंग को नियंत्रित करने वाली संस्था धृतराष्ट्र बनकर आंखों में पटटी बांधे हुये हैं।

विवादों में बनी रहने वाली केन से निकलने वाली रेत और इसका कारोबार करने वाले कारोबारियों के द्वारा केन का अस्तित्व पूरी तरह से खतरे में डाल दिया गया है। जीवनदायिनी केन नदी की आज जहां आरती उतारने का केनघाट में कार्यक्रम आयोजित किया गया था वहीं रोज केन के अस्तित्व के साथ बालू कारोबारियों के द्वारा खुलेआम खिलवाड़ किया जाता है। सूत्रों की माने तो बालू के सबसे ज्यादा खण्ड मरौली में बने हुये हैं, यहां पर बालू निकालने का कारोबार करने वाले व्यवसाइयों ने अपनी कुटिल चाल को मजबूती देने के लिये मैनेजमेंट का गंदा खेल खेलना शुरू कर दिया है। मैनेजमेंट के कुचक्र में चाहे कलमकार हो या फिर प्रशासन में बैठे अधिकारी/कर्मी सब अपनी संलिप्तता को दिखाकर मनचाहे लाभ के लिये आकर्षित हो गये हैं। गौरतलब हो कि मरौली खण्ड छह में गिल्ली का डण्डा खुलेआम बालू का अवैध खनन कराने में मशगूल है, इतना ही नहीं पिछले बालू के सत्र में भी मैनेजमेंट करने का अपना लोहा मनवा चुका गिल्ली इस बार भी मरौली खण्ड छह में पूरी तरह से पकड़ बनाकर कलमकारों को खरीदने का काम कर रहा है। मरौली के बालू खण्ड चार की कहानी भी बालू खण्ड छह से मिलती जुलती है यहां पर पोकलैण्ड मशीनों से मानक के विपरीत खनन कराकर नदी को नाला बना दिया गया है। 

मीडिया में आये दिन सुर्खियों में बनी रहने वाली बालू की खदानों की खबरों के प्रकाशन होने के बाद जरूर थोड़ा बहुत प्रशासन अपना हांथ पांव हिलाते नजर आता है लेकिन सूत्रों की सच माने तो अवैध खनन और ओवरलोडिंग के इस खेल में पुलिस, प्रशासन अपनी पूरी भूमिका निभाने से बाज नहीं आते हैं। जिसके चलते बालू कारोबारियों के हौसले चौथे आसमान पर है। गत दिनों पूर्व जरूर खनिज प्रशासन ने चुस्ती दिखाते हुये बालू के अवैध खनन सहित ओवरलोडिंग को रोकने की गरज से कुछ कार्यवाहियों को अंजाम दिया था लेकिन माहौल शान्त होते ही पुनः बालू का अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है। मरौली गांव के वाशिन्दों ने उत्तर प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री से मांग करते हुये कहा है कि अगर जल्द ही इन बालू कारोबारियों पर अंकुश न लगाया गया तो बांदा जिले की जनता बूंद-बूंद पानी के लिये तरस जायेगी, इसके साथ ही सैकड़ों बीघा खेत बंजर जमीन पर तब्दील हो जायेंगे।