युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
हँसी
नमी
खिलखिलाते
सिसकते
मिलन
जुदाई
अपनत्व
तन्हाई
गर्म
सर्द
पतझड़
रिमझिम
हर लम्हा
हर मौसम
हर सांस
हर धड़कन
कहती है अपनी दास्तान
कभी चुप से
कभी गुनगुना के
कभी शब्दों में
कभी बेजुबां
हर लम्हा
खास भी है
हर लम्हा
आस भी है
हर लम्हा
दुआ भी है
हर लम्हा
फरियाद भी है।।
.....मीनाक्षी सुकुमारन
नोएडा