हे विश्वकर्मा देव महान
हमको दो यन्त्रों का ज्ञान
कितना कुछ आपने रचा
सृष्टि को लिया था बचा
आपकी कृपा विज्ञान है
आपकी कृपा औजार हैँ
सब देवों के प्यारे आप
जन जन के प्यारे आप
लंका हो पुष्पक विमान
सब हुआ आपके हाथ
विज्ञान बढ़ रहा है बहुत
असर न हो इसका कटुक
अति इसकी हो न पाये
मानव कुछ धैर्य रखाए
आपकी कृपा हो ऐसी
सारी सृष्टि बनी रहे ऐसी
सत्तरह सितम्बर है महान
धरा पर आए थे देव आप
महान अभियंता की जय
महा ज्ञानी की हो जय जय
रितु शर्मा
दिल्ली