कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ आयोजित किये जायेंगे सम्पूर्ण समाधान दिवस

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ। प्रदेश सरकार द्वारा ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ आयोजित किये जाने के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं। उक्त जानकारी देते हुए मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि ‘‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’’प्रत्येक माह के प्रथम व तृतीय शनिवार को तहसील मुख्यालय पर 10.00 बजे से 2.00 बजे तक आयोजित किया जायेगा। जिलाधिकारी द्वारा क्रमानुसार प्रत्येक तहसील में आयोजित ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ की अध्यक्षता की जायेगी, जिसमें जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अथवा पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा।

 उक्त के अतिरिक्त अन्य तहसीलों में जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित रोस्टर के अनुसार मुख्य विकास अधिकारी अथवा जिलाधिकारी द्वारा नामित किसी अपर जिलाधिकारी द्वारा ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ की अध्यक्षता की जायेगी, जिसमें अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीणध्नगर) द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। शेष तहसीलों में सम्बन्धित उप जिलाधिकारी द्वारा ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ की अध्यक्षता की जायेगी, जिसमें सम्बन्धित पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। उन्होंने यह भी बताया कि ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ में भाग लेने वाले सांसदगण व विधायकगण को सम्मानपूर्वक बैठने हेतु एक प्रमुख स्थान की व्यवस्था की जायेगी।

 ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ के आयोजन की अध्यक्षता करने वाले अधिकारियों का रोस्टर जिलाधिकारी द्वारा माह प्रारंभ होने से पूर्व ही प्रसारित कर दिया जायेगा। आयोजन स्थल के मुख्य द्वार पर ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ का बैनर लगाया जायेगा एवं जन सामान्य को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के बारे में प्रेस व अन्य माध्यमों से जन सामान्य को भी अवगत कराया जायेगा। मण्डलायुक्त द्वारा प्रत्येक ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ की तिथि पर अपने मण्डल की किसी एक तहसील का आकस्मिक निरीक्षण किया जायेगा। 

संयुक्त विकास आयुक्त तथा अपर आयुक्त द्वारा भी मण्डलायुक्त के निर्देशानुसार सम्पूर्ण समाधान दिवसों का निरीक्षण किया जायेगा।‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ में आवेदकों द्वारा प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे, उनमें आवेदक का अथवा उसके किसी परिचित का मोबाइल नम्बर अनिवार्य रूप से दर्ज किया जायेगा। प्रार्थना-पत्र दर्ज होने के पश्चात् अध्यक्ष के समक्ष आवेदनकर्ता द्वारा प्रस्तुत किया जायेगा। अध्यक्ष आवेदनकर्ता की सुनवाई कर उसके तत्काल निस्तारण का यथासंभव प्रयास करेगा, अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित विभाग के अधिकारी को निर्देशित करेगा। 

निर्देशोंप्रांत प्रार्थना-पत्र का पंजीकरण कर उस प्रार्थना पत्र की स्कैन एवं फोटोकॉपी करा कर सम्बन्धित विभाग के अधिकारी से प्राप्ति का हस्ताक्षर रजिस्टर पर लेकर प्रार्थना-पत्र सम्बन्धित अधिकारी को उपलब्ध करा दिया जायेगा। समस्त अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने से सम्बन्धित प्रार्थना-पत्रों को उसी दिन प्राप्त करने के बाद ही तहसील कार्यालय छोड़ें। आवेदन पत्रों की प्राप्ति की पूरी व्यवस्था सम्बन्धित तहसीलदार की देख-रेख में की जायेगी। ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ आयोजन के बाद उसी दिन सभी प्रार्थना-पत्रों का कम्प्यूटर अंकन कराना भी तहसीलदार व उप जिलाधिकारी द्वारा सुनिश्चित कराया जायेगा।

 प्रार्थना-पत्र का कम्प्यूटरीकरण (स्कैनिंग, अपलोडिंग एवं विवरण फीडिंग) समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आई.जी.आर.एस.ध्प्ळत्ै) (रंदेनदूंप.नच.दपब.पद) से सम्बन्धित सम्पूर्ण समाधान दिवस के पोर्टल पर किया जायेगा। शिकायती प्रार्थना-पत्र पर अपेक्षित निस्तारण कार्यवाही व प्रगति की स्थिति भी सम्बन्धित अधिकारी द्वारा आई.जी.आर.एस. पोर्टल पर समय-समय पर अपलोड की जायेगी। सम्पूर्ण समाधान दिवस में प्राप्त शिकायतों के अवलोकन से यह पाया गया है कि ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ में मुख्य रूप से राजस्व विभाग, गृह विभाग, सामाजिक न्याय, विकास एवं अन्य विभागों से सम्बन्धित शिकायतें प्राप्त होती हैं।

 निजी भूमियों का सीमांकनध्पैमाईश, निजी भूमियों का अविवादित नामान्तरण, खतौनी में नाम व अन्य अशुद्धियों का शोधन, फर्जी बैनामे के आधार पर नामान्तरणध्कब्जा से सम्बन्धित समस्याओं को तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं सम्बन्धित लेखपाल की टीम बनाकर मौके पर भेजकर निस्तारण कराया जायेगा। राजकीय एवं सार्वजनिक उपयोगी की भूमियों यथा चकरोड, रास्ता, ताला खलिहान, नाली, चारागाह आदि पर अतिक्रमण एवं अवैध कब्जे, निजी भूमियों पर अन्य भूमिधरोंध्सहखातेदार द्वारा अवैध कब्जा, पट्टे की भूमियों पर कब्जा, भूमि विवादों में पुलिस प्रशासन द्वारा पक्षपात किया जाना, आबादी भूमि में पानी का निकास व आवागमन अवरूद्ध करना एवं अन्य शिकायतों का निस्तारण तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं सम्बन्धित थाने के हेड कांस्टेबल की टीम बनाकर मौके पर भेजकर निस्तारण कराया जायेगा।

 मारपीट, गुमशुदगी, चोरी आदि जैस छोटे अपराधों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज न करना एवं अन्य शिकायतों से सम्बन्धित समस्याओं के निस्तारण हेतु प्रकरण सम्बन्धित पुलिस उपाधीक्षक को संदर्भित कर दिया जायेगा। विभिन्न प्रकार की पेंशन की मांगध्स्वीकृति,भुगतान, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना की स्वीकृति व संचालन में अनियमितता, आवासीय योजनाओं का लाभ, राशनकार्ड बनाने की मांग एवं राशन वितरण में अनियमितता, हैण्डपम्प लगाने की मांग, खड़ण्जा व नाली निर्माण की मांग, विद्युत बिल में गड़बड़ी, विद्युत संयोजन, विद्युत विच्छेदन एवं टांसफार्मर बदलना, नहर के कटान व राजकीय ट्यूबवेल की मरम्मत, निजी वृक्षों के पातन की अनुमति, राजकीय चिकित्सालयों में समुचित उपचार व लाभार्थी योजनाओं का लाभ न मिलना एवं अन्य शिकायतें की समस्याओं को खण्ड विकास अधिकारी व सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों द्वारा स्वयं अथवा यथावश्यक टीम बनाकर मौके पर भेजकर निस्तारण कराया जायेगा। 

गंभीर एवं अतिसंवेदनशील मामलों का निस्तारण सम्बन्धित उप जिलाधिकारी अथवा तहसीलदार द्वारा स्वयं यथावश्यक ट्रैक्टर व जे.सी.बी. मशीन का उपयोग कर किया जायेगा और इन उपकरणों एवं मशीनों के उपयोग होने पर होने वाला व्यय सुसंगत नियमों के अन्तर्गत अतिक्रमणकर्ता अथवा अवैध कब्जेदार से वसूला जायेगा। उपरोक्त सभी प्रकरणों का यथासंभव उसी दिन मौके पर टीम भेजकर निस्तारित करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने बताया कि ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ में प्राप्त शिकायतों में से कम से कम 05 महत्वपूर्ण तथा संवेदनशील शिकायतों को चिन्हित कर उनके निस्तारण हेतु उन्हें मौके पर टीम भेजकर उसी दिन निस्तारण कराना सुनिश्चित किया जायेगा।

 ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ के एक दिन पूर्व मण्डलायुक्त अथवा जिलाधिकारी, पुलिस उप महानिरीक्षक अथवा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, उप जिलाधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक व अन्य अधिकारीगण द्वारा आई.जी.आर.एस. पोर्टल पर निस्तारित प्रार्थना-पत्रों का गंभीरतापूर्वक अध्ययन कर उनके निस्तारण की गुणवत्ता का परीक्षण किया जायेगा तथा जिन प्रकरणों में निस्तारण संतोषजनक नहीं है, उन प्रकरणों पर पुनः विचार हेतु तहसील को वापस कर दिया जायेगा तथा उन प्रकरणों के निस्तारण से सम्बन्धित अधिकारियों को सम्पूर्ण समाधान दिवस के दिन पूछताछ की जाये और उन्हें समुचित निर्देश निर्गत किये जाएंगे एवं सम्बन्धित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जायेगी। आई.जी.आर.एस. पोर्टल पर भी तदनुसार कार्यवाही अंकित की जायेगी।

 जिलाधिकारीगण द्वारा तहसील दिवस पर, पिछले तहसील दिवस पर प्राप्त शिकायतों एवं उनके निस्तारण की स्थिति तथा वर्तमान तहसील दिवस पर प्राप्त शिकायतों की संख्या व निस्तारण के विषय पर जन सामान्यध्मीडिया को भी अवगत कराया जायेगा। सभी विभागीय अधिकारियों द्वारा आवेदन पत्रों का निस्तारण एक सप्ताह में करके उसे जिलाधिकारी अथवा उप जिलाधिकरी के समक्ष अनुश्रवण हेतु प्रस्तुत किया जायेगा। प्रार्थना-पत्र जटिल समस्या के कारण सात दिनों में निस्तारित न होने वाले हो तो उसे 15 दिन में अवश्य ही निस्तारित कर दिया जायेगा। प्राप्त आख्या की संक्षिप्त टिपण्णी का अंकन रजिस्टर व कम्प्यूटर पर किया जायेगा।

 जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी एवं उप जिलाधिकारी का ध्यान शिकायतों के गुणवत्तापरक निस्तारण पर केन्द्रित होना चाहिए एवं उनसे अपेक्षा की जाती है वे ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ के रजिस्टर का अवलोकन करते हुए पूर्व सम्पूर्ण समाधान दिवसों की शिकायतों के निस्तारण की गुणवत्ता का मूल्यांकन करेंगे। यदि शिकायताकर्ता का समाधान हो गया है तो शिकायतकर्ता को निस्तारण आख्या दिखाकर आख्या पर उसके संतुष्टि स्वरूप हस्ताक्षर कराए जाएं।

 यदि शिकायत निराधार पाई जाती है अथवा न्यायालय में वाद दर्ज होने के कारण समाधान संभव नहीं है तो शिकायतकर्ता को लिखित रूप में अवगत कराया जायेगा। यदि किसी आवेदनकर्ता द्वारा कोई ऐसा आवेदन पत्र दिया जाता है, जो उसके द्वारा पूर्व में भी उसी समस्या के निराकरण हेतु दिया गया है, तो ऐसी स्थिति में शिकायतकर्ता द्वारा पूर्व में दिये गये आवेदन पत्रों के संदर्भ एवं क्रमांक भी नवीन आवेदन पत्र पर अंकित कराए जाएं। दोबारा प्रस्तुत आवेदन-पत्रों पर जिलाधिकारी एवं उप जिलाधिकारी विशेष ध्यान देंगे एवं इसे अत्यन्त गंभीरता से लिया जायेगा तथा जान-बूझकर समुचित कार्यवाही न करने हेतु दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

 सम्पूर्ण समाधान दिवसों का राजस्व परिषद एवं शासन के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर औचक निरीक्षण किया जायेगा और निरीक्षण आख्या उच्चाधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी जो निरीक्षण आख्या का अध्ययन कर समुचित निर्देश जारी करेंगे। यदि ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ में सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित नहीं होते हैं और ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ में प्राप्त होने वाली शिकायतों का निर्धारित समयावधि में गुणवत्तापरक निस्तारण होना नहीं पाया जाता है, तो इसके लिए सम्बन्धित विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों के साथ-साथ उप जिलाधिकारी एवं जिलाधिकारी उत्तरदायी होंगे।

 ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ में प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों तथा शिकायतों का प्रभावी एवं गुणवत्तापरक निस्तारण निर्धारित समयावधि में न करके विलम्ब से करने, शिथिलता बरतने, निस्तारण में रूचि न लेने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। सम्पूर्ण समाधान दिवस’ में प्राप्त शिकायतों के समाधान का अनुश्रवण नियमित रूप से नामित अपर जिलाधिकारी द्वारा किया जायेगा। जिलाधिकारी,मण्डलायुक्तगण भी समय-समय पर इसका अनुश्रवण करेंगे तथा शिकायतों के निस्तारण की अद्यावधिक सूचना इलेक्ट्रॉनिकली शासन से सम्बन्धित पोर्टल पर नियमित रूप से अपलोड की जायेगी। प्रत्येक व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग की जायेगी।

 किसी भी अधिकारी,कर्मचारी एवं आवेदन में कोविड-19 के संक्रमण के लक्षण पाये जाने पर सम्बन्धित जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी,जिला चिकित्सालय को सूचित कर अग्रेतर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ पर आने वाले व्यक्तियों के लिए कोविड प्रोटोकॉल यथा दो गज की दूरी, मास्क की अनिवार्यता तथा स्थल पर सैनिटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कराई जाए। आयोजन से सम्बन्धित समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी कोविड-19 के सम्बन्ध में समय-समय पर जारी प्रोटोकॉल व दिशा-निर्देशों का अनुपालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करेंगे।

 ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ का आयोजन प्रत्येक माह के प्रथम एवं तीसरे शनिवार को कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ सुनिश्चित कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि समस्त अपर मुख्य सचिव,प्रमुख सचिव,सचिव, समस्त मण्डलायुक्तों, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद, पुलिस महानिदेशक, समस्त विभागध्यक्षों एवं समस्त जिलाधिकारियों को उक्त दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करानें के निर्देश दिये गये हैं।