यह तो बैतूल विधानसभा क्षेत्र की राम भक्तधर्मप्रेमी गुप्त दान देने वाली भोली - भाली जनता जर्नादन के साथ विश्वासघात है

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपतराय बंसल के लिए परेशानी का सबक बन सकता है नगद लेन - देन

बैतूल (मध्यप्रदेश) : इमरजेंसी के समय अमिताभ बच्चन एवं जया भादुड़ी की फिल्म चुपके चुपके रिलीज हुई थी। इस फिल्म का एक गीत स्वर्गीय लता मंगेशकर की आवाज में काफी लोकप्रिय हुआ था। इन दिनो बैतूल जिला मुख्यालय पर चुपके - चुपके चल री पुरवैया यही गीत सुनने को मिलने लगा है। बैतूल जिला मुख्यालय पर सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक का सब काम चुपके - चुपके होने लगा है। 

वर्तमान समय में जिला मुख्यालय के पूर्व कांग्रेस विधायक निलय विनोद डागा ने अपने विधायकी कार्यकाल में जिस बाजे - गाजे के साथ अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि क्षेत्र में भव्य श्री राम मंदिर के निमार्ण के नाम पर दान पेटियो में गुप्त दान लिया था लेकिन जब दान पेटियो का दान अयोध्या पहुंचाने की बारी आई तो एक बार फिर वही गीत सुनने को मिला। चुपके - चुपके ...... पूर्व कांग्रेस विधायक निलय डागा अपनी जीवन संगनी के साथ अयोध्या जाकर दान पत्र में आई राशी बैंक डाफ्ट या चेक या किसी प्रकार के नेटबैंकिग के नगद लेकर बैतूल से अयोध्या लेकर चले गए और उक्तराशी जमा भी कर आए। 

पूर्व कांग्रेस विधायक निलय विनोद डागा से इतना बड़ा दान लेकर राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव ने चंपतराय बंसल ने कांग्रेस के उस समय के विधायक दंपत्ति से आयकर कानून को ठेंगे पर रख कर सारे नियम कायदो को दर किनार नगद में शब्दो में दस लाख अठावन हजार पांच सौ आठ रूपये (अंको में 10, 58, 508 ) के नोट तथा शब्दो में छियासी हजार पांच सौ बानबे (अंको में 86, 592 ) के सिक्के, कुल दान राशी शब्दो में ग्यारह लाख पैतालिस हजार एक सौ रूपैया (अंको में 11, 45, 101 रूपये) का नगद प्राप्त कर नगदी प्राप्ती प्रमाण पत्र दे दिया। इस तरह के नगद लेन - देन को लेकर सवाल आज भी जहां का तहां खड़ा है कि जब दान दाता निलय डागा नहीं है ...? यह पता चल चुका है कि सहभागिता से प्राप्त की गई दान की राशी है ..! 

ऐसे में सब कुछ जानने के बाद यदि राम जन्मभूमि न्यास के महासचिव चंपतराय बसंल ट्रस्ट की ओर से निलय डागा को दान दाता मान कर कार्यक्रम में बुलावा भेजता है तो यह एक प्रकार से उस जनता का भी अपमान है एक - एक पैसा राम मंदिर के निमार्ण के लिए दिया था। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र कहे या श्री राम जन्म मंदिर ट्रस्ट को मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की बैतूल विधानसभा क्षेत्र की जनता ने अपने अराध्य भगवान मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम के प्रति अपनी आस्था एवं विश्वास के साथ मंदिर निमार्ण के लिए सहयोग राशी दी।

 ऐसे में राम मंदिर न्याय के महासचिव को किसी भी व्यक्ति से इतना अधिक रूपैया नगद लेने से पहले आयकर विभाग को सूचित करना जरूरी था , क्योकि बैतूल से अयोध्या तक ले गई नगद ले जाई गई राशी जो जिसका नियमानुसार एक राज्य से दुसरे राज्य के बीच लाना - ले जाना आयकर विभाग की अनदेखी से हुआ है तब की स्थिति में आयकर विभाग को चुपके से हुए लेन - देन की जानकारी देना चाहिए था लेकिन ऐसा हो न सका।

 उल्लेखनीय है कि रामजन्म भूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निमार्ण के लिए धर्म प्रेमी जनता से दान लेते समय बकायदा बाजे - गाजे के डोर टू डोर जाकर संपर्क किया गया था लेकिन दान मे मिली राशी को चुपके - चुपके बैतूल की उस जनता जिससे रूपैया - पैसा गुप्त दान के रूप में लिया गया था उसके संज्ञान में लाए बिना जमा कर दिया गया। ऐसा भी तो हो सकता था कि जनता भी चाहती थी कि वह स्वंय बाजे - गाजे के साथ अयोध्या जाकर दान पात्रो में जमा कर गई राशी को अपनी आंखो के सामने जमा करती लेकिन ऐसा हो न सका। 

इस बार बैतूल की जनता एक बार फिर अपने आप को ठगी महसुस कर गई जब राम मंदिर न्यास की ओर से  दस लाख अठावन हजार पांच सौ आठ रूपये तथा सिक्केछियासी हजार पांच सौ बानवे जमा किए जो कुल दान ग्यारह लाख पैतालिस हजार एक सौ रूपैया 11, 45, 101 रूपये का नगद दान देने के लिए दान दाता के रूप में श्री निलय डागा को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए व्ही आई पी श्रेणी का न्यौता कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं उनकी श्रीमती को भेजा गया जबकि विधायक की ओर से राम मंदिर न्यास को एक रूपैया भी नगद जमा नहीं किया गया। 

जैसे ही अयोध्या जाने का न्यौता मिला पूर्व विधायक द्वारा ऐसा प्रचार किया गया जैसे उन्हे राम मंदिर न्यास की ओर से व्ही आई पी लोगो की श्रेणी का आमंत्रण मिला और पूर्व विधायक इस बार अपनी जीवन संगनी को लेकर अयोध्या की ओर चले गए। बार - बार सवाल यही उठता है कि दान जनता का और दिया जनता ने लेकिन राम मंदिर न्यास तक दान जमा करने से लेकर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में उस जनता को विश्वास में लेना क्यों उचित नहीं समझा गया...? क्या दान दाताओ ने दान जमा करने से लेकर मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने तक के लिए पूर्व विधायक को अधिकृत या सर्वाधिकार दे रखा था...? हम निलय डागा के न तो कल विरोधी थे और न आज है लेकिन जो घटनाक्रम हुआ है उसे जनता के बीच में लाना हमारा एक जागरूक पत्रकार होने के नाते  हमारा कत्वर्य और अधिकार दोनो है। 

बैतूल विधानसभा क्षेत्र की जनता को यह अहसास उस समय हो चुका था जब चुपके - चुपके दान जमा कर दिया गया था...? इस बार जनता ने अपने उस अपमान का बदला चुनाव में हार के रूप में लिया तो एक बार फिर उस जनता की धार्मिक भावनाओ के साथ विश्वास घात किया गया। पांच साल तक बैतूल से विधायक रहे निलय डागा को मां ताप्ती की पैदल चुनरी यात्रा में भीड़ बढ़ानी रहती है तो उस जनता को तरह - तरह के प्रलोभन देकर नंगे पांव पैदल ले जाया जाता था लेकिन जब उन्हे उनके मेहनत के एक पैसे से लेकर एक रूपये तक के दान देने के लिए अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में जाने का अवसर मिला तो उस अवसर को छीन कर स्वंय वहां पर जाना क्या न्याय संगत है...? 

चलो एक पल के लिए मान भी लिया जाए कि चंपतराय बसंल ने आपको रामभक्तजनप्रतिनिधि के रूप में व्ही आई पी आमंत्रण भेंजा तो ऐसे में चंपतराय बसंल महासचिव राम मंदिर न्यास की नजर में बैतूल जिले के पांच भाजपा विधायक एवं एक सासंद क्या रामभक्तनहीं है...? कांग्रेस के पूर्व विधायक को व्ही आई परी आमंत्रण सिर्फ मिला दस लाख अठावन हजार पांच सौ आठ रूपये (अंको में 10, 58, 508 ) के नोट तथा शब्दो में छियासी हजार पांच सौ बानबे (अंको में 86, 592 ) के सिक्केनगद कुल दान राशी शब्दो में ग्यारह लाख पैतालिस हजार एक सौ रूपैया (अंको में 11, 45, 101 रूपये)  नगद जमा करने के बदले क्योकि अडानी  से लेकर अम्बानी तक का भी न्यौता उनके द्वारा दी गई करोड़ो की दान राशी के एवज में भेजा गया। बैतूल जिले से यदि राम भक्तके रूप में न्यौता मिलना था उसका हक और अधिकार पूर्व भाजपा विधायक अलकेश आर्य को मिलना था या फिर उस राम प्रसाद ङ्क्षझगा को जिसने अयोध्या की बाबरी मस्जीद को एक धक्का देने का काम किया था..? 

मुझे इस बात का अफसोस रहेगा कि राम मंदिर न्यास के चंपतराय बंसल (महासचिव राम मंदिर न्यास) होने के कारण अपनी जवाबदेही ढंग से निभा नहीं पाए और वह काम कर गए जो यदि कोई न्यायालय की शरण लेगा तो उन्हे लेने के देने पड़ सकते है क्योकि चंपतराय ने काम वहीं किया जो आयकर एवं नगद लेन - देन के नियम कानून कायदो के दायरे में अपराध की श्रेधी में आता है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता डॉ सुब्रह्मण्यम् स्वामी के अनुसार नगद का लेन - देन पांच से अधिक का नहीं किया जा सकता है। किसी भी पंजीकृत संस्था या सोसायटी या न्यास को नगद के बजाय चेक एवं डाफ्ट से लेन - देन करना चाहिए। ऐसा लेन - देन लेटरहेड पर नहीं किया जाता...? बकायद नगद लेने की या चेक या डाफ्ट से लेन - देन की प्रिटेंड रसीद दी जानी चाहिए। 

ली सबसे सहभागिता लेकिन न्यौता केवल दो को  यह कहां का न्याय

बैतूल, कांग्रेस के पूर्व विधायक निलय डागा ने विधायक रहते हुए 3 साल तक भगवान श्री राम मंदिर के लिए चंदा इक_ा किया था। उन्होंने यहां सहभागिता अभियान चलाते हुए पूरे विधानसभा क्षेत्र के लोगो से राम मंदिर निर्माण के लिए राशि एकत्रित की थी। उन्होंने 11 लाख 45 हजार 100 रु की रकम अयोध्या जाकर भेंट भी की थी। लेकिन मंदिर न्यास ने जो लेटर हेड पर दान का जिक्र किया है वह नगद लेन - देन का है। यहीं वजह है कि कल 22 जनवरी को अयोध्या में होने जा रहे भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निलय डागा व उनकी धर्म पत्नि दीपाली निलय डागा को आमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ है। आमंत्रण पत्र के साथ ही वीआईपी श्रेणी ब्लॉक 3 व 4 का एंट्री पास भी प्राप्त हुआ है। सहभागिता के लिए किसी एक  को व्ही आई पी का न्यौता दिया जाना न्याय संगत नहीं है। 

आयकर विभाग की चेतावनी

2000 रुपए से ऊपर कैश में दान के लेनदेन पर होगी कार्रवाई

नई दिल्ली। कैश में लेनदेन को लेकर आयकर विभाग ने एक बार फिर से चेतावनी जारी की है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गो कैशलेस, गो क्लीनस्कीम के तहत अभियान शुरू किया है जिसके तहत जनता से रोजमर्रा के लेनदेन के लिए कैशलेस तरीकों को अपनाने की सिफारिश की जा रही है। साथ में आयकर विभाग ने कैश में लिमिट से ज्यादा लेनदेन करने वालों के खिलाफ  कार्रवाई की बात भी कही है। आयकर विभाग के मुताबिक किसी भी पंजीकृत ट्रस्ट या राजनीतिक दल को कैश में 2000 रुपए से अधिक का दान न दें। 

अगर कोई व्यक्ति इस नियम का उलंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसे टैक्स चुकाना पड़ेगा या उसे जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।आयकर विभाग की इस चेतावनी को दर किनार कर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपतराय बंसल ने बैतूल के पूर्व विधायक से सहभागिता से प्राप्त दान को बैंक डाफ्ट या चेक या नेटबैकिंग के प्राप्त कर लिया। एक प्रकार से न्यास या ट्रस्ट ने तथा पूर्व विधायक ने कानून को तोड़ कर अपराध किया है। आयकर विभाग को इस मामले को संज्ञान में लेना चाहिए था लेकिन उसने आज तक इस मामले में चुप्पी साध रखी है। 

रामकिशोर पंवार

लेखक / पत्रकार

बैतूल मध्यप्रदेश

स्थान - बैतूल