युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
जिसे जो कहना है कहने दो,
मुझे मेरे सांचे में रहने दो,
मुझे क्या करना है,
कहां जाना है,
क्या खाना है,
किन सोये हुओं को जगाना है,
मुझे नहीं कभी मजबूर होना है,
किन जाहिलों से दूर होना है,
ये मुझे तय करने दो,
जमीं पर अपना पांव खुद धरने दो,
मुझे मिली ऐसी शिक्षा कि
सिर्फ अपना न सोचूं,
जो जा चुका है उसके लिए
सिर न नोचूं,
शायद जरूरत हो मेरी तनिक भी
मेरे समाज को,
पढ़ाना है, जगाना है,
तो क्यों बदलूं अपने अंदाज को,
मजलूमों को अपनी बातें कहने दो,
प्रगति की बयार
उनके घर तक भी बहने दो,
जिसे जो कहना है कहने दो,
मुझे इंसानियत,भाईचारा,नैतिकता और
संवैधानिक सांचे में रहने दो।
राजेन्द्र लाहिरी पामगढ़ छग