मां कात्यायनी के चरणों में

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

चैतन्य की मंडली में रहें माँ,जहाँ गोप गोपी सुनें  कृष्ण वानी। 

कात्यायनी  भक्ति भावी बनातीं,भरें स्नेहसेवा प्रजा में सुजानी ।। 

गौरी  वही  ईश्वरी  भी  वही, वे जुगुप्सा हटा दें,रचें  शुद्ध अंत:-

वैकुण्ठ  जागे हमारे हिया में,जहाँ  प्रेम  सेवा सजा दें भवानी।।

मीरा भारती,

पटना,बिहार।