दो टूक

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

एक जगह पण्डित दुखी, 

एक जगह सरदार। 

अपने ही अभियुक्त हैं, 

अपनी ही सरकार। 

और अपना बुलडोजर। 

धीरु भाई