युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
नवरात्रि के पवित्र पर्व पर हम भारतीयों को चाहिए कि हम अपने आचार विचार को संयमित रहने हेतु त्याग की महिमा को जाने शक्ति की पूजा से हम सकारात्मक सोच को प्रज्वलित करें मातृशक्ति का सम्मान करना सर्वप्रथम हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि मां ही हमारी आस्था है मानवता की पहचान मां है । जो हर समय समाजिक जिम्मेदारी से मानव होने का फर्ज अदा करता है वहीं व्यक्ति जीवन में हमेशा खुश रहता है, माता बहन बेटीयां सुरक्षित रहेगी तो हम कभी भी पीछे नहीं रहेंगे, कन्धे से कन्धा मिलाकर चलना समय कि आवश्यकता है नारीशक्ति हर एक क्षेत्र में लोहा मनवाया रही हैं तो ऐसे समय सनातन संस्कृति व समाजिक जिम्मेदारी को साकार करने में नवरात्रि पर्व शक्ति आराधना के लिए भारत में सर्वश्रेष्ठ पर्व है नो दिन माता के नो रुपों की पूजा पाठ भक्ति भाव से घरों में मंदिरों मे घट स्थापना के साथ होती है वहीं रात्रि में बालिकाओं द्वारा माता के भजनों पर थिरके कदम गरबा नृत्य की धूम पूरे भारत में रहती है वहीं अष्टमी नवमी पर कन्या पूजन छोटी छोटी कन्याओं के पैर पूजे जाते हैं उन्हें देवी स्वरूप पूजना हमारे धर्म की आस्था का आसली चहेरा है पर कुछ नाकारात्मक सोच वाले लोग इस पर्व पर भी अपनी गिद्ध दृष्टि डालते हैं तभी तो विचारों में गलत बातों का उदय होता हैं समाज में इस तरह का कुठाराघात महिलाओं की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगाते हैं,बहन बेटियों पर गलत निगाह रखने वाले जहरीले दानव राक्षसों के अंत के लिए समाज में बेटियों को समय के साथ बदला पड़ेगा गलत बातों का विरोध खुलकर किया जाना चाहिए। बेटी कभी भी परिवार में या समाज में बोझ नहीं होती वह परिवारों का मनोबल बढ़ती है रिश्तों की मयार्दा में बंधी होने के बाबजूद भी वह सभी को साथ लेकर चलतीं है ऐसी नारी शक्ति पर हम सभी को गर्व होना चाहिए, इन नो दिन नवरात्रि पर्व पर महिलाओं के आत्मबल बढने हेतु आगे आयें , इन्हीं भाव से हमारा नवरात्रि पर्व मानने की सार्थकता होगी देवी सदा पसंद रहेंगी हम सभी कन्या स्वरूप देवी के जब पैर पुजते है तो हमारी आत्मा भी पवित्रता का अहसास करती है वह आदिशक्ति संसार में हमारे दुख तकलीफों को संकटों को हर लेती है ऐसी मातृशक्ति को हम नमन करते हैं।
प्रेषक लेखक - हरिहरसिंह चौहान जबरी
बाग नसिया इन्दौर मध्यप्रदेश 452001
मोबाइल 9826084157
सादर प्रकाशनार्थ हेतु