युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
सुदामा हूँ मैं ,
तुम कृष्ण हो ।
आऊं जब मैं तेरे द्वारे ,
दौड़ कर आलिंगन कर लेना।
अर्जुन हूँ मैं ,
तुम कृष्ण हो ।
मोह जागे जब जीवन समर में,
तुम गीता ज्ञान करा देना।
भीष्म हूँ मैं,
तुम कृष्ण हो ।
युद्ध क्षेत्र में भक्त की खातिर,
तुम अस्त्र उठा लेना।
मीरा हूँ मैं,
तुम कृष्ण हो ।
आऊं जब मैं जग हारी,
स्वयं में समाहित कर लेना।
पांचाली हूँ मैं,
तुम कृष्ण हो ।
पुकारु जब मैं अंतर्मन से,
तुम विपदा मेरी हर लेना।
रुक्मिणी हूँ मैं,
तुम कृष्ण हो ।
भेजूँ जब मैं नेह निमंत्रण ,
संग अपने ही कर लेना।
भक्त हूँ मैं,
तुम कृष्ण हो ,
आऊं जब अंत समय में ,
भवसागर से पार उतार देना।
गरिमा राकेश गौतम 'गर्विता '
कोटा ,राजस्थान