वागंगोदक सवैया

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

 कालिका भीति हर लें, अहं को विमोचें,

   भरें साधना भाव इंसान  में।

  चंचला माल ग्रीवा अँधेरा हटा दे,

   समाधान बाधा सजें   ध्यान  में।

  ज्ञान वैराग्य का साहसी  मन्त्र दें,

  साँस ज्वाला पराक्रम भरें भारती,

  धीर निर्भीक सेवें सुधी देश को,

  दाहिनी पाणि शोभा रखें भान में।

 रक्त तामस पियें लोक त्रय को बचातीं,

  वही सत्व प्राणी हिया प्रेरणा,

 मन्त्र माँ का जपें विश्व कल्याण साधें,

  प्रजा भाव हो सर्व उत्थान में।

 भैरवी रूप माँ कामना वेग रोकें,

  प्रसादी कृपा त्याग सेवा भुवी,

 एकसूत्री प्रजा बाँध प्रज्ञा निखारें,

 यही अर्चना देश के प्रान  में।

जोड़ विज्ञान अध्यात्म शंका हटा दें,

 दिखे साम्यता ब्रह्म में शोभिता,

अन्नपूर्णा अवामी शुभी सोच आँकें,

 रखें  जीव आपद तिरोधान में।

मीरा भारती,पटना,बिहार।