मेरे सपनों का प्यारा वह भारत कहां है
गांधी नेहरू सुभाष का वह वतन कहां है
पटेल ने बांधा एक सूत्र में जिस राष्ट्र को
तिलक गोखले चन्द्रशेखर का सपना कहां है
धर्म जाति भाषा से ऊपर उठकर पाया जिसे
उसी में उलझकर रह गया मेरा वतन यह ऐसे
जमीं पे प्रेम सौहार्द्र का बीज रोपा था जिन्होंने
उन महापुरूषों का प्रेम बरसाता वृक्ष कहां है
बहती थी जिसमें सदा समरसता की नदियां
उच्च आदर्शों और नैतिक मूल्यों की दुनिया
विश्व गुरु की उपाधि से विभूषित मेरा भारत
क्षितिज पर देदीप्यमान वह संस्कृति कहां है
भ्रष्टाचार का बोलबाला रिश्वत की लगी झड़ी
योग्यता को पछाड़ कर अयोग्यता भारी पड़ी
मेहनत और विश्वास पर एक प्रश्नचिन्ह लगा
माफिया से बचाने वाला भगतसिंह कहां है
स्वरचित एवं मौलिक
अलका शर्मा, शामली, उत्तर प्रदेश