गमों को कहो अलविदा

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 


तुम मेरा साथ पा मुस्कुराया करो,

उदासी को यूं ना जताया करो।


गमों को अपने कहो अलविदा,

आशा की जोत तुम जलाया करो।


दुश्वारियां हो राह में कितनी भला,

हल आएगा सोच गुनगुनाया करो।


प्यार को यूंही बदनाम ना करना सुनो

निर्मल  हैं मेरा प्यार, भुलाया ना करो।


नैनों में बसा हैं प्यार तुम्हारा,

कभी यू हमे आजमाया करो।


ईश ने तो दिया जन्म एक सा यहां

बेवजह उलझन में न फंसाया करो।


मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे जाया करो,

सिजदा वहां कर तुम आया करो।


निराशा को सदा कहो अलविदा,

मुस्करा कर तुम बस जिया करो।


कुछ सीखते रहो कुछ सिखाते रहो,

ज्ञान अपना यहांँ यूं बढ़ाया करो।


लिखा कहाँ है कब ऐसा भला,

कभी गीता , कुरान सुनाया करो।


मजहब नहीं सिखाता बैर रखना कभी

दुश्मनी को अपनी यूं न जताया करो।


निराशा को सदा कहो अलविदा,

मन में आशा का दीप जलाया करो।


                 रचनाकार ✍️

                 मधु अरोरा