तिरंगा (मरहठा छंद )

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


मान तिरंगा है,शान तिरंगा, सबका है सम्मान |

है पावन गंगा , मन सतरंगा,वीरो का अभिमान ||

ये सबसे प्यारा, देश हमारा, सुन्दर गौरव गान|

है सबसे आगे, हम सब जागे, देश हमारी आन ||


वो जान लुटाते,खुशियाँ पाते,करे देश से प्यार|

कर हाथ तिरंगा, पावन गंगा,करते बहुत दुलार ||

है माटी चंदन, करते वंदन, लगा  तिरंगा  द्वार |

अब घर -घर फहरे, झंडा लहरे, देना मन उपहार ||


पावन ये धरती, दुनियाँ कहती, करते सब सम्मान |

बजती शहनाई,करती आई,बिस्मिल्ला  की तान ||

सुन गौरव गाथा, टिकता माथा, सैनिक परम महान |

है  आन   तिरंगा, यमुना  गंगा, भारत  ही   पहचान ||


ये धरती  माता, सबकी  दाता, अनन्त  है  उपकार |

हम इसके रक्षक, मारे मक्षक, इस पर सब बलिहार ||

मिलजुल कर रहना, कभी न डरना, जन -गण -मन हो गान |

हो  अमर  तिरंगा,  पूजो  गंगा, भारत  देश  महान ||

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कवयित्री

कल्पना भदौरिया "स्वप्निल "

लखनऊ

उत्तरप्रदेश