दर्द दिल का मेरे मिटा दो तुम,
एक बार दिल से दिल मिला दो तुम,
तेरे खातिर तो ठहरा सा पानी हूँ मैं,
मेरे पास आकर इस में हलचल मचा दो तुम,
तेरे बिना तो सुना सुना सा रहता है मेरा मन,
एक बार मुझे अपना चेहरा तो दिखा दो तुम,
तेरी हर याद को सीने से लगाया है मैंने,
ख़बर आने की देकर सब याद दिला दो तुम,
तेरे ख्बाबों मेंं बितते है चौबीसों पहर मेरे,
एक ख़ुबसूरत मिलन का ख्वाब दिखा दो तुम,
रचनाकार
रामेश्वर दास भांन
करनाल हरियाणा