गाजीपुर। जनपद के मनिहारी विकास खंड अंतर्गत सिखड़ी ग्राम पंचायत स्थित साधन सहकारी समिति के करोड़ों रुपये का खाद घोटाला आखिरकार समिति के निवर्तमान सचिव अजय कुमार राय उर्फ पवनुराय के गले की हड्डी बन ही गया। व्यापारियों से सोलह हजार क्विंटल धान खरीद के आरोप में तथा समिति पर आई डीएपी यूरिया व्यापारियों मोटू सेठों को बेचने और समिति से संबंधित किसान उपभोक्ताओं को रसीद नहीं देने के आरोप में मई महीने से निलंबित चल रहे अजय राय उर्फ पवनु राय द्वारा सत्ता की हनक दिखाकर सीज हुई समिति का चार्ज और चाबी नहीं दिए जाने पर अपर जिला कोआपरेटिव सहकारी अधिकारी (डी सी ओ) निरंकार मौर्य ने समिति के सन्चालक मंडल की उपस्थिति में समिति का ताला तोड़वाकर सहायक सचिव कृष्कांत राय को समिति का चार्ज सौंप दिया।
विदित हो कि विभागीय मिलीभगत और सत्ता पक्ष से जुड़ा होने के चलते मनमानी की हद पार करते हुए विचौलियों के मार्फत मोटी रकम वसूली कर समिति को निवर्तमान सचिव अजय राय द्वारा खूब चुना लगाया गया।भोले भाले उपभोक्ताओं के खाते पर कुछ ,और चेकबुक पर कुछ दिखाई गई धन राशि से संबंधित कई उपभोक्ताओं का ब्लडप्रेशर बढ़ने लगा। उपभोक्ताओं ने बताया की जबरन पासबुक अपने पास रख कर पासबुक धारकों की आड़ में अपनी मनमानी धनराशि चढ़ाकर लाभ लेता रहा।
यहां तक की निलंबित सचिव अजय राय द्वारा अथक परिश्रम कर धान और गेहूं की बढ़िया पैदावार करने वाले बड़े कास्तकारों के फसल को उक्त क्रयकेंद्र पर रजिस्ट्रेशन के बावजूद दरकिनार कर समिति केंद्र पर अपने सगे संबंधियों और चहेतों को कमीशन लेकर लाभ पहुंचाया गया। जिसके चलते बड़े किसानों की फसल बर्बादी की भेंट चढ़ गई। तथा बची खुची पैदावार औने पौने दामों पर किसान बेचने के लिए बाध्य हो गए।
खुन्नस खाए किसानो ने मौके पर खूब होहल्ला भी मचाया था। परंतु सचिव के मजबूत पकड़ के चलते मामला सब टांय टांय फिस्स हो गया।अब विभाग ने जब कड़ा रुख अपनाते हुए सरकारी धन के गमन में नकेल कसना शुरू किया है तो आरोपी के भूमिगत होने की चर्चा जोर पकड़ लिया है। जानकारों का मानना है कि समिति घोटाले की जांच की आंच में कई विभागीय चेहरे झुलस सकते हैं।