तुम मेरे लिए 'मैं'हो
चिर स्पन्द में तुम बसे
स्वासों का मलय हो
तुम मेरे लिए 'मैं' हो
प्रेम पथिक तुम
सदा रहते हो साथ
मेरा आलय हो
तुम मेरे लिए'मैं'हो
रजत तरल बन कभी
दृगों से बह जाते हो
खुशियों का भी विलय हो
तुम मेरे लिए 'मैं'हो
हर पल एहसास तुम्हारा
जीने की वजह हमारा
स्वप्नलोक का निलय हो
तुम मेरे लिए 'मैं'हो।
रीमा सिन्हा (लखनऊ)