आसान नहीं था

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


आसान नहीं था मीरा बनना

लोक लाज की मर्यादा को त्यागना।

आसान नहीं था राधा बनना

ताउम्र प्रेमाग्नि की आग में जलना।

आसान नहीं था पन्ना बनना

निज सुत को मृत्यु शैय्या पर सुलाना।

आसान नही था संयोगिता बनना

पितृ विरोधी को स्वयंवर में चुनना।

आसान नहीं था हाड़ी रानी बनना

काट अपने सर को निशानी में सजना।

आसान नहीं था देवकी बनना

पुत्र हेतु मातृत्व सुख से दूर रहना।

आसान नहीं था मंदोदरी बनना

अधर्मी पति संग धर्म संग रहना।

आसान नहीं था लक्ष्मी बाई बनना

पति धरोहर हेतु निज प्राण त्यागना।

आसान नहीं था मांडवी बनना

महल में रहकर त्याग करना।

आसन नहीं था श्रुति कीर्ति बनना

पति संग फिर भी विरह को सहना।

आसान नहीं था मस्तानी बनना

प्रेम के लिए कड़वे वचनों को सुनना।

आसान नहीं है औरत बनना

अपनों को छोड़ परायों को अपना बनना।

आसान नहीं है.......।


गरिमा राकेश 'गर्विता'

कोटा राजस्थान