नवसंवत्सर

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क  

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ,हिन्दू नवसंवत्सर का आव्हान

यही हिन्दू नववर्ष है ,सनातन संस्कृति की पहचान

परम श्रद्धा और भक्ति का,होता यह पुनीत संगम

हर घर में सजती चौकी मां की, होता है जागरण

करें उपासना भक्तजन,मन में रखकर शुद्ध विचार

हर कीर्तन में गूंजता,माता रानी का जय जयकार

कितना पावन होता है,यह नवसंवत्सर का त्योहार

पावन दिशाएं हो जाती,माता दर्शन को लगे कतार

अंग्रेजी नववर्ष मनाने को, बहती पार्टियों में शराब

हिन्दू नववर्ष मनाने ,उमड़ता यहां भक्तों का सैलाब

धन धान्य से परिपूर्ण घर आंगन,खुशियों की गुंजार

जीवन में चहुंओर व्याप्त फिर, महकती हुई बहार

शीत ऋतु का अवसान,विटप सुसज्जित नवपल्लव से

नयनाभिराम सौंदर्य प्रकृति का,झुके वृक्षआम्रमंजरी से

मन हर्षित यह तन सुरभित,निरख कानन में तरु कतारें

नव आशा की ओढ़कर चूनर, झंकृत महकती हुई बहारें

रामनवमी का उत्सव प्यारा,लेकर आएं हृदय में आल्हाद

उर में संजोकर रामभक्ति को, नतमस्तक हो लेते प्रसाद

स्वरचित एवं मौलिक

अलका शर्मा, शामली, उत्तर प्रदेश