शिक्षा क्षेत्र में भारत को विश्वगुरु बनाना है

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


राष्ट्रीय शिक्षा नीति को शिक्षकों प्रशासकों 

ने गंभीरता से अमल में लाना है 

शिक्षा क्षेत्र में भारत को 

विश्वगुरु बनाना है 


भारतीय युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं 

बस गंभीरता से उसे पहचानना है 

शिक्षण को स्वांदात्मक बहुआयामी 

आनंदमयी अनुभव बनाना है 


छात्रों में मूल्यों को विकसित करने शिक्षकों 

की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित करनाहै छात्रों के 

आचरण को सुधारने विपरीत परिस्थितियों 

का सामना करने आत्मविश्वास जगाना है 


भारत को मजबूत स्थिर शांतिपूर्ण देश 

के रूप में विकसित करना है 

शिक्षा क्षेत्र में भारत को 

विश्वगुरु बनाना है 


लेखक- कर विशेषज्ञ, स्तंभकार, साहित्यकार, कानूनी लेखक, चिंतक, कवि, एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र