युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
शांत सौम्य स्वभाव हो
पढ़ा-लिखा गुणवान हो।
समझे जो पत्नी की बातें
ऐसा प्यारा इंसान हो।
पत्नी को हक दे समान
पढ़ा लिखा कमाऊंँ हो।
रोका टोकी ने ज्यादा हो
मिल बांट करे काम।
ऑफिस तुम भी जाते हो
ऑफिस में भी हूंँ जाती।
थकते तुम भी हो तो
परेशान में भी हो जाती।
घर बाहर की जिम्मेदारी
दोनों मिलकर आज उठाए।
समानता का अधिकार बराबर
दोनों मिलकर हाथ बटाएं
छोड़कर परिवार में आई
सबको अपना बनाती हूं
थोड़ा सा सहयोग करे मेरा
इतना ही बस चाहती हूं।
मेरी भावनाओं को जो समझे
कुछ क्षण बैठकर बातें कर ले,
दुख दर्द मेरा भी सुन ले
ऐसा चाहिए मुझे इंसान
मेरे मात-पिता का करें सम्मान,
ना करें कोई ऊंच-नीच की बात।
हो ना वह लालची बिल्कुल,
कहने से पहले समझे मेरी बात।
सुख दुख में साथ खड़ा हो मेरे,
मैं भी दूंगी उसका साथ।
इतनी सी है मेरी ख्वाइश,
क्या मिलेगा ऐसा मुझे इंसान।।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा