मायावती का सूपड़ा साफ, अपना बेस वोट भी नहीं बचा पाई बसपा

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

आजमगढ़ : यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बड़ी जीत का दावा कर रही बसपा को बड़ा झटका लगा है। बसपा की सोशल इंजीनियरिंग इस चुनाव में पूरी तरह फेेल रही है। अस्तित्व में आने के बाद से अब तक का यह पहला मौका है जब बसपा को आजमगढ़ जिले में एक भी सीट नहीं मिली है। यहीं नहीं यह पहला ऐसा चुनाव है जिसमें बसपा का कोई उम्मीदवार दूसरे नंबर पर भी नहीं रहा। बड़ी बात है कि दलित वोटों में सेंध लगाने की बीजेपी ने भरपूर कोशिश की थी लेकिन बड़ी संख्या में दलित मतदाता सपा के साथ खड़ा हुआ। जिसके कारण सपा ऐतिहासिक जीत हासिल करने में सफल रही।

     बता दें कि जिला हमेंशा से सपा-बसपा का गढ़ रहा है। वर्ष 2017 के चुनाव से पहले यहां सपा बसपा में सीधी जंग देखने को मिलती थी। बीजेपी तीसरे स्थान के लिए संघर्ष करती नजर आती थी। वर्ष 2007 में बसपा का सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला काफी सफल हुआ था और पार्टी 10 में से छह सीट जीतने में सफल हुई थी। इसके बाद वर्ष 2012 में यहां सपा ने एकतरफा नौ सीटें हासिल की थी। वर्ष 2017 में सपा को पांच, बसपा को चार और बीजेपी को एक सीट मिली थी।

   बता दें कि आजमगढ़ जिला हमेंशा से सपा-बसपा का गढ़ रहा है। वर्ष 2017 के चुनाव से पहले यहां सपा बसपा में सीधी जंग देखने को मिलती थी। बीजेपी तीसरे स्थान के लिए संघर्ष करती नजर आती थी। वर्ष 2007 में बसपा का सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला काफी सफल हुआ था और पार्टी 10 में से छह सीट जीतने में सफल हुई थी। इसके बाद वर्ष 2012 में यहां सपा ने एकतरफा नौ सीटें हासिल की थी। वर्ष 2017 में सपा को पांच, बसपा को चार और बीजेपी को एक सीट मिली थी।