साध्वी ऋतंभरा का जन्म दिवस मनाया, जब तक आपकी दृष्टि नहीं बदलेगी बदलाव नहीं होगा : ऋतंभरा

मथुरा। वात्सल्य मूर्ति साध्वी ऋतंभरा के जन्मदिवस को "वात्सल्य दिवस" के रूप में  मनाया गया। शिष्याओं ने 59 दीपक जलाकर दीदी मां के स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की मंगल कामना की।कार्यक्रम का शुभारंभ पूज्य दीदी के द्वारा जगतगुरु शंकराचार्य के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर किया गया।समविद गुरुकुलम के छोटे-छोटे बच्चों ने वेद मंत्रों से वंदना प्रस्तुत की।समविद गुरुकुलम की छात्राओं ने बधाई गीत के साथ एक नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जिसमें भारत के गौरव को दर्शाया गया। कृष्णा ब्रहमरतन विद्या मंदिर की छात्राओं ने ऊंची ऊंची डोरियों पै बांध दूं मैं गगन गीत प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। इसके साथ ही वैशिष्टम् के दिव्यांग बच्चों  ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से सबका हृदय जीत लिया।साध्वी ऋतंभरा ने देशभर से आए भक्तों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि बदलाव तो प्रकृति का नियम है 2021 गया और 2022 आ गया कुछ भी बदलता रहे लेकिन जब तक आपकी दृष्टि नहीं बदलेगी बदलाव का कोई लाभ नहीं होगा। 2022 का संकल्प दिलाते हुए उन्होंने कहा कि हमें संकल्प लेना चाहिए कि अपने घर को मंदिर के समान पवित्र बनाएं बच्चों को संस्कारित करें क्योंकि "हमारे बच्चे तुलसी के पौधों के समान होते हैं जिन्हें संस्कारों के गंगाजल से सींचना चाहिए" बच्चे जैसे वातावरण में रहते हैं वैसा ही उनका स्वभाव बनता है। वैसा ही उनका आचरण बनता है।साध्वी ऋतंभरा ने आगे कहा आज भारत का स्वाभिमान पूरे विश्व में आदर्श के साथ स्थापित हुआ है। वहीं प्रदेश और देश की जनता अपने को सुरक्षित महसूस करने लगी है।इस अवसर पर जोधपुर निवासी नंदकिशोर दवे द्वारा लिखित पुस्तक यात "कैलाश मानसरोवर यात्रा" का पूज्य मां दीदी मां ने विमोचन किया तथा स्वर्गीय प्रवीण खंडेलवाल एवं स्वर्गीय जगदीश चंद्र गुप्ता की स्मृति में संविद की प्रतिभाशाली छात्राओं को सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में संजय गुप्ता, जय भगवान अग्रवाल, महेश खण्डेलवाल, साध्वी सत्य प्रिया, साध्वी समनविता, स्वामी सत्यशील, साध्वी साक्षी, साध्वी सत्य कीर्ति, साध्वी सत्यश्रद्धा, साध्वी सत्य व्रता ,सुमन लता, शिशुपाल सिंह, मीनाक्षी अग्रवाल, आस्था भारद्वाज आदि उपस्थित रहे। संचालन डॉ उमाशंकर राही एवं कु० कीर्ति ने किया।