हे नए वर्ष 2022 खुशियों के साथ आना
इस वर्ष सृष्टि में जीवों को नां आजमाना
कोई महामारी का नया वेरिएंट नहीं लाना
खुशियों की बहार वर्षभर लाना
ऐसे ही स्वागत किए थे वर्ष 2020 और
2021 का कि हमें खुशियां भरपूर देना
दोनों वर्ष बन गए महामारीयों का बहाना
अब वर्ष 2022 हमें ख़ुश रखने खुशीसे मिलाना
स्वस्थ रहे पृथ्वी का जीव ऐसा पल बनाना
किसी परेशानी विपत्ति को नहीं बुलाना
आ भी जाए विपत्ति तो उससे तुम मुकाबला
करना सारी सृष्टि में खुशहाली लाना-3
लेखक- कर विशेषज्ञ, साहित्यकार, कानूनी लेखक, चिंतक, कवि एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र