आस पाली है

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

त्योहारों से कुछ आस पाली है 

पैसा आएगा तभी दिवाली है l

दीये  पसंद किए जाएंगे मिट्टी के 

हर घर में गृह लक्ष्मी भारतीय नारी हैl 

दीया जलाना ऐसा मिटे अंधियारा

बुराई मिटे हर जगह हो उजियारा l

जरूरी नहीं मेरा कुछ भी बोलना

किसी गरीब की दुकान न छोड़ना l

तुम मनाओ दिवाली खुशी से

खरीद लो दीये घर जाऊं ख़ुशी से l

पूनम पाठक बदायूँ 

इस्लामनगर बदायूं