Navratri : घसियारी मंडी स्थित काली बाड़ी में मां पंचमुण्ड आसन पर विराजमान हैं। मंदिर की स्थापना 158 वर्ष पूर्व भक्त मधुसूदन बनर्जी ने की थी। नवरात्र में यहां महिषासुर मर्दिनी का विशेष पाठ होता है। मंदिर के वरिष्ठ पुजारी डॉ. अमित गोस्वामी बीते 17 वर्ष से माता की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1863 में साधक मधुसूदन बनर्जी को माता सपने में आई। मां के आदेश पर उन्होंने मिट्टी की प्रतिमा तैयार कर स्थापित की। आदेशानुसार मां की स्थापना नर, बंदर, उल्लू, सांप और सियार समेत पांच जीवों के मुण्डों की आधारशिला पर हुई। मंदिर में अष्टमी और नवमी को विशेष पूजा होती है। काली बाड़ी मंदिर में पेठा फल की बली दी जाती है। पहले पशु बली की परंपरा थी धीमे- धीमे इसका स्थान पेठा फल ने ले लिया। यहां आने वाले भक्तों की माता फरियाद जरूर सुनती है। बड़ी संख्या में भक्त काली माता के दर्शन के लिए आते हैं।
Navratri : काली बाड़ी मन्दिर में पंचमुण्ड पर बैठी मां काली के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में आते हैं भक्त
युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क