आतंकवादी मारें
या सरकार के लाडले
मरते वहीं हैं
जो मेहनत कर
रोजी रोटी कमाते हैं
जो धरती को
चीरकर
अन्न उपजाते हैं।
वे इसे लेकर रोते हैं
चिल्लाते हैं
तो वही लोग
आँसू पोछने आते हैं
जिनकी लापरवाही से
हम मारे जाते हैं।
हे राम !
देर मत करो
इस देश में
फिर से आओ
हम लोगों को
इस स्थिति से
मुक्ति दिलाओ।
- धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव