युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
मऊ जनपद के कोपागंज की जो ऐतिहासिक रामलीला नवरात्रि में होती थी अब ऐसा लग रहा है कि अब इसका अस्तित्व समाप्त की ओर बढता नजर आ रहा है क्योंकि नवरात्रि के पांचवां दिन बिताने के बाद भी शुरू नही हो पाया जिससे आम जनमानस में मायूस हैं तो वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओ व अन्य सभी वर्गों में इस बात को लेकर खूब चर्चा बनी हुई हैं कि आखिर, क्या यही राम राज है, अब राम के राज में नही हो पा रहा है । रामलीला , जो राम के नाम पर सरकार बनी है । ऐसी कौन सी बात हैं कि सरकार की आदेश के बावजूद भी कमेटी द्वारा रामलीला नही बुलाया गया।
आपको बताते चलें कि मऊ का भरत मिलाप व कोपागंज की राज गद्दी की चर्चा कई कोस तक फैली हुई है राजगद्दी के दिन यहां पर काफी संख्या में लोग मेला देखने के लिए आते रहे हैं जो पूरी रात चलती है कोपागंज की रामलीला कमेटी 1952 से रजिस्टर्ड है इसके बैनर तले लम्बे समय से विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन अनवरत चलती चली आई आ रही है किन्तु पिछले साल कोविड-19 के चलते पूरे देश में कहीं भी मेले का आयोजन हुआ, कोई अन्य धार्मिक कार्यक्रम, इसबार कोपागंज व आसपास केलोगो उम्मीद जगी थी मेले का आनन्द उठा सकेंगे पर कोपागंज रामलीला कमेटी के अध्यक्ष ने कभी कोविड़ 19 का हवाला देकर तो कभी शासन प्रशासन खौफ दिखाकर तो कभी पैसे के अभाव का हवाला देकर रामलीला के आयोजन पर रोक लगाने से , धर्म मे आस्था रखने वालों को काफी आघात लगा है ।
लोगो मे यह भी चर्चा हैं कि कमेटी किसी राजनीति पार्टी के दबाव में आकर कार्यक्रम को बन्द किया है वही यह सरकार को पूरी तरह से बदनाम करने की साजिश है या कोई और बात हैं चाहे जो भी कारण हो इस बात को लेकर पूरे जनपद के सामाजिक कार्यकर्ता व धार्मिक संगठनों ने कड़े शब्दों में निन्दा की हैं । और कहा कि रामराज्य में नही हो सका रामलीला तो अब कब होगा, विश्वहिन्दु परिषद जिला धर्म प्रचारक ने ओड़ियाना मैदान पर प्रेस वार्ता कर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष को बर्खास्त करके उनके ऊपर जाँच बैठाये जाय साथ ही अब एक नए कार्यकारणी का गठन करके उसमे सभी वर्ग के सदस्यों को सम्लित कीया जाय साथ ही अविलंब रामलीला शुरू कराने की वकालत की उसके बाद एक के बाद एक करके लोग कमेटी के खिलाफ मुखर हो कर सामने आने लगे हैं। कोपागंज नगर व आसपास की जनता को अभी भी उम्मीद बनी हुई है कि रामलीला का आयोजन किया जा सकता हैं।