आधा देश बेच दिया, आधा बोली पर लगा हुआ है : टिकैत

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

टिकैत ने सरकार को दिया सितंबर तक का अल्टीमेटम

टिकैत ने कहा- सरकार ने किसानों की नहीं सुनी तो सख्त निर्णय लेंगे

गाजियाबाद। पूरे देश का किसान आठ माह से दिल्ली की दहलीज पर पड़ा है और सरकार बात सुनने को तैयार नहीं है। उसका कारण साफ है कि देश की सरकार पर बड़ी कंपनियों का कब्जा हो गया है। संघर्षों से आई किसी पार्टी की सरकार होती तो ऐसा कभी न होता।  उन्होंने कहा समुद्र के रास्ते आने वालों ने पहले भी देश पर कब्जा किया था। अब भी हाल कुछ ऐसा ही है। कंपनी की सरकार है इसलिए जनविरोधी फैसले ले रही है। आधा देश बेच दिया और आधा बोली पर लगा हुआ है। सरकार पर कब्जा कर बैठ गए इन लोगों को न तो इस देश से लगाव है और न देश के संसाधनों से। संसाधनों पर कब्जा करने के साथ ही ये मीडिया, रेडियो और यहां तक कि देश की जनता के दिमाग पर भी कब्जा करके बैठ गए हैं और आपस में लड़ाने का काम करते हैं। लेकिन सरकार सितंबर तक यदि किसानों की बात नहीं सुनती तो किसान कोई बड़ा निर्णय लेंगे और पहली बार तो पुलिस गुमराह करके ट्रैक्टरों को लालकिले पर ले गई लेकिन इस बार किसानों के ट्रैक्टर कहकर संसद पर जाएंगे। यह बातें रविवार को गाजीपुर बार्डर पर आंदोलन के मंच से अपने संबोधन में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहीं। 

टिकैत कहा कि अबकी बार संघर्ष हुआ तो किसान पीछे नहीं हटने वाला। सरकार सितंबर तक समस्या का निस्तारण करे नहीं तो हमे सख्त निर्णय लेने को मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा सरकार कहती है कि देश एमएसपी थी है और रहेगी लेकिन हम बता देना चाहते हैं कि मूंग के किसानों को एमएसपी नहीं मिला। 7500 रूपए एमएसपी वाली मूंग चार हजार रूपए में खरीदी गई। किसान मूंग लेकर पार्लियामेंट पर जाएंगे। सरकार इस गलतफहमी में न रहे कि वाटर कैनन से किसानों के ट्रैक्टर रूक जाएंगे। वंपर लगे ट्रैक्टर न केवल बैरियर तोड़ेंगे बल्कि वाटर कैनन मारने के लिए लगाई गाडियों का भी ईलाज करेंगे।  

“छेड़छाड़ की जरूरत की तो पूरे देश का किसान यहां होगा”

हरियाणा से रविवार को भारी संख्या में किसान गाजीपुर बार्डर पहुंचे। उन्होंने साफ किया कि हम इस प्रतिबद्घता के साथ आए हैं कि कहीं भी किसानों से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सोनीपत से आए किसानों ने कहा कि पिछले दिनों सरकार की सह पर गाजीपुर बार्डर पर हुई छेड़छाड़ को देखते हुए वह सरकार को सचेत करने आए हैं कि गाजीपुर बार्डर पर बैठे किसान अकेले नहीं हैं, पूरे देश का किसान इनके साथ है और छेड़छाड़ करने की जरूरत करी तो सारे यहीं पावेंगे, और हरियाणा का किसान सबसे आगे होवेगा। खाप पंचायतों की ओर कहा गया कि किसान आंदोलन से जहां भी छेड़छाड़ हुई हरियाणा के किसान एक कॉल पर वहां पहुंचने को तैयार बैठे हैं। उन्होंने भाजपा और आरएसएस मिलकर आए दिन किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश में लगे हैं लेकिन  किसान इस साजिश का हर बार मुंह तोड़ जबाब देने को तैयार हैं।  

हरियाणा के सोनीपत तक आए खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों को स्वागत करते हुए चौधरी टिकैत ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब यूपी, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब समेत सब एक साथ हैं। स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत कहा करते थे कि इन चार राज्यों के किसान एक हो जाएं तो किसानी को कोई दिक्कत ही न हो। उन्होंने कई बार इन सबको जोड़ने का प्रयास भी किया लेकिन नेताओं ने ऐसा नहीं होने दिया। 

सोनीपत से आने वाले किसानों में अभिमन्यू कोहाड़, प्रधान नरेश दहिया, अंतिल खाप के प्रधान हवा सिंह, तोमर खाप से चौधरी रतिराम आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।