लखनऊ। मड़ियाव के छठामील के पास देर रात हुई भाजपा सांसद कौशल किशोर के पुत्र पर फायरिंग की घटना के चन्दो घण्टो के अन्दर हुए खुलासे ने करीब तीन वर्ष पूर्व हुई लखनऊ की बहु चर्चित घटना की याद ताजा कर दी जिसमे भारतीय जनता पार्टी का एक जुझारू नेता अपने द्वारा रची गई साजिश का शिकार होकर दुनिया से चला गया था। दिसम्बर 2018 में भी प्रदेश मे भाजपा की सरकार थी जब कैसरबाग के माडल हाउस के रहने वाले भाजपा नेता प्रत्यूष मणि त्रिपाठी ने अपने विरोधियो सलमान, अदनान और उनके साथियो को फंसाने और सुरक्षा लेने के लिए अपने उपर अपने मित्रो से ही चाकू से कातिलाना हमला करवाया था लेकिन प्रत्युष पर उसके दोस्तो द्वारा किए गए कातिलाना हमले ने प्रत्युष का अन्त कर दिया था। महानगर के बादशाह नगर रेलवे स्टेशन के पास निवर्तमान एसएसपी कलानिधि नैथानी और निवर्तमान इन्स्पेक्टर महानगर विकास कुमार पाडेण्य के कार्याकाल मे कैसरबाग के माडल हाउस मे रहने वाले भाजपा नेता प्रत्युष मणि त्रिपाठी के सीने पर चाकू से हमला हुआ था। भाजपा नेता प्रत्युष पर हुए कातिलाना हमले के बाद शहर की कानून व्यवस्था को लेकर प्रर्दशन भी हुआ था। चाकू के हमले मे घायल हुए प्रत्युष की इलाज के दौरान मौत हो गई थी लेकिन इस जघन्य हत्याकाण्ड की निष्पक्ष जाॅच मे पुलिस ने जाॅच के बाद जब खुलासा किया तो लोगो ने अपने दांतों तले उंगलियां दबा ली पुलिस की निष्पक्ष जाॅच मे प्रत्यष मणि त्रिपाठी की हत्या के मुकदमे मे नामजद किए गए बेकुसूर लोगो को पुलिस ने इमानदारी वाली जाॅच ने हत्या के झूठे मुकदमे की सजा से बचाया था। पुलिस की इस जाॅच की काफी दिनो तक खूब तारीफे भी हुई थी। ठीक उसी तरह की घटना के करीब तीन वर्ष बाद मड़ियावं मे भाजपा संासद कौशल किशोर के पुत्र आयुष ने दोहराते हुए मड़ियांव के छठामील के पास कमिश्नरेट पुलिस की मुस्तैदी को कटघरे मे खड़ा करते हुए अपने विरोधियो को फंसाने के लिए अपने रिश्तेदार से ही खुद पर गोली चलवा ली लेकिन भाजपा सांसद कौशल किशोर के पुत्र आयुष की किस्मत अच्छी थी कि गोली से उसकी जान नही गई लेकिन तीन सालो मे दूसरी बार कानून व्यवस्था को बदनाम करने सरकार और पुलिस को सवालो के कटघरे मे खड़ा कर अपने दुशमनो को फंसाने के लिए जिस तरह की साजिशे रची गई है वो सरकार पर नही बल्कि सरकार और पार्टी के नाम का फायदा उठाने वाले लोगो की पार्टी के प्रति निष्ठा पर भी सवाल खड़े करती है। मड़ियांव के छठामील के पास बुद्धवार की देर रात सांसद कौशल किशोर के पुत्र आयुष को गोली मारे जाने की घटना का खुलासा करते हुए घटना के चन्द घण्टो के अन्दर ही पुलिस ने आयुष के साले आर्दश को गिरफ्तार कर पिस्टल भी बरामद कर ली। आर्दश ने पुलिस के सामने कुबूल किया है कि उसने ही अपने जीजा आयुष पर गोली चलाई थी और उसने कुछ लोगो के नाम भी पुलिस को बताए है जिन्हे आयुष फंसाना चाहता था। डीसीपी रईस अख्तर ने स्पष्ट तौर से कहा है कि आयुष पर हमला उसने खुद ही साजिश के तहत करवाया था उन्होने कहा कि सांसद कौशल किशोर की तरफ से अभी कोई तहरीर नही मिली है। इस गोली काण्ड के खुलसे के बाद ये तो तय ही माना जा रहा है कि अब जीजा साले दोनो को ही जेल की हवा भी खानी पड़ेगी।
वो प्रत्युष था ये आयुष है दोनो ने ही रची पुलिस को बदनाम करने वाली जान लेवा साजिश
युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क